Indian Economy: वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच भारत की जीडीपी 6.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान
Indian Economy Growth Rate 2023: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड ने कहा कि भारत की जीडीपी 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है.
Indian Economy Growth Rate 2023: विश्व में आर्थिक मंदी (Financial Crisis) के बादल मंडराते दिख रहे हैं जिसका असर ग्लोबल इकॉनमी (Global Economy) पर देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से काफी उम्मीद जताई है. IMF ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product -GDP) की दर बढ़ने का उम्मीद है. देश की जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है. साल 2023-24 में GDP 6.1 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है.
मंदी से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था
IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 28 नवंबर 2022 को भारत के साथ ‘आर्टिकल IV कंसल्टेशन’ पूरा किया था. इसमें लिखा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था गहरी महामारी से संबंधित मंदी से उबर गई है. आर्टिकल IV कंसल्टेशन में कहा गया है कि 2021-22 में वास्तविक GDP में 8.7 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है. इस करण कुल उत्पादन पूर्व-महामारी के स्तर से ऊपर आ गया है. इस वित्तीय वर्ष में GDP को विकास, श्रम बाजार में सुधार और निजी क्षेत्र में क्रेडिट में बढ़ोतरी से समर्थन मिला है.
आर्थिक बाधाओं को दूर कर रही सरकार
IMF का कहना है कि, भारत की मोदी सरकार (Modi Govt) नई आर्थिक बाधाओं को दूर करने की नीतियां के लिए जानी जा रही हैं. इसमें यूक्रेन में युद्ध के परिणाम और रूस पर संबंधित प्रतिबंध और चीन और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण रूप से धीमी वृद्धि शामिल हैं. मौद्रिक नीति आवास को धीरे-धीरे वापस ले लिया गया है और 2022 में अब तक मुख्य नीति दर में 190 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है.
इतनी रहेगी GDP
IMF का कहना है कि भारत के विकास कार्य में सुधार होने की उम्मीद है. GDP के 2022-23 में 6.8 प्रतिशत और 2023-24 में 6.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान जताया गया है. मुद्रास्फीति को 2022-2023 में 6.9 प्रतिशत पर अनुमानित किया है और अगले वर्ष में केवल धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है.
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