Heal in India : देश के 10 एयरपोर्ट्स पर तैनात होंगे इंटरप्रेटर्स, मेडिकल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
Medical Tourism को बढ़ावा देने के लिए सरकार की Heal in India इनिशिएटिव का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) 15 अगस्त को इस पहल की घोषणा कर सकते हैं.
Medical Tourism in India : देश में मेडिकल टूरिज्म (Medical Tourism) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) बड़ा कदम उठाने जा रही है. भारत में विदेशों की तुलना में इलाज काफी सस्ता हो गया है. आपको बता दे कि हर साल बड़ी संख्या में विदेशों से लोग इलाज कराने भारत आते हैं. इसे मेडिकल टूरिज्म (Medical Tourism) कहा जाता है. देश के 10 हवाई अड्डों पर दुभाषिए (इंटरप्रेटर्स) , विशेष डेस्क, एक बहुभाषी पोर्टल और वीजा नियमों को सरल बनाया जाएगा.
15 अगस्त को हो सकती है घोषणा
Medical Tourism को बढ़ावा देने के लिए सरकार की हील इन इंडिया (Heal in India) इनिशिएटिव का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) 15 अगस्त को इस पहल की घोषणा कर सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय विदेशी मरीजों की सुगमता के लिए प्रयास कर रहा है.
44 देशों से आते है मरीज
केंद्र सरकार ने 44 देशों की पहचान की है जहां से बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भारत आते हैं. इन देशों में इलाज की लागत और क्वालिटी को ध्यान में रखा गया है. ये मुख्य रूप से अफ्रीकी, लातिन अमेरिकी, सार्क और खाड़ी देश हैं. 10 चिन्हित हवाई अड्डों Delhi, Mumbai, Chennai, Bengaluru, Kolkata, Visakhapatnam, Kochi, Ahmedabad, Hyderabad and Guwahati में इन 44 देशों के मरीजों की संख्या ज्यादा है.
स्वास्थ्य डेस्क की होगी शुरुआत
मेडिकल ट्रैवल (Medical Travel) को बढ़ावा देने और मरीज यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए, सरकार भाषा दुभाषियों (इंटरप्रेटर्स) को तैनात करेगी और चिकित्सा यात्रा, परिवहन, बोर्डिंग आदि से संबंधित प्रश्नों के लिए 10 चिन्हित हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य डेस्क स्थापित करेगी. मेडिकल टूरिज्म मार्केट (Medical Tourism Market) 2020 में 6 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसके 2026 तक 13 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
‘वन-स्टॉप शॉप’ से मिलेगी सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority) के सहयोग से एक बहुभाषी पोर्टल विकसित किया है. विदेशी मरीजों के लिए कई तरह की सेवाओं के लिए ‘वन-स्टॉप शॉप’ होगी. पोर्टल की 15 अगस्त को शुरुआत होने की भी संभावना है. मंत्रालय ने 12 राज्यों (Delhi, Gujarat, Karnataka, Haryana, Kerala, Maharashtra, Punjab, Tamil Nadu, Telangana, West Bengal, Andhra Pradesh and Assam) के 17 शहरों में 37 अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की योजना है. सरकार 44 देशों के मरीजों और उनके साथियों के लिए मेडिकल वीजा नियमों को आसान बनाने पर काम कर रही है.
इन देशों से आते हैं मरीज
भारत में इलाज की लागत ज्यादातर देशों की तुलना में 2 से 3 गुना कम है. भारत में इलाज अमेरिका के मुकाबले 65 से 90 फीसदी सस्ता है. भारत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा प्रदान करता है. Bangladesh, Iraq, Maldives, Afghanistan, Oman, Yemen, Sudan, Kenya, Nigeria and Tanzania से भारत आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय रोगियों का लगभग 88 प्रतिशत हिस्सा है. बांग्लादेश में कुल चिकित्सा पर्यटकों का 54 प्रतिशत हिस्सा है. भारत में विदेशी मरीजों द्वारा हृदय रोगों, मधुमेह और गुर्दे की बीमारियों के उपचार की सबसे अधिक मांग रहती है.
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