Government Scheme: केंद्र सरकार की इस शानदार स्कीम में जमा करें 12500 रुपये बदले में मिलेंगेंपूरे 1 करोड़, जानें क्या है खास?
Public Provident Fund: आज हम आपको केंद्र सरकार की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसके जरिए आप 1 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कैसे-

Government Scheme: अगर आप भी निवेश करने के लिए कोई सरकारी स्कीम देख रहे हैं तो आज हम आपको केंद्र सरकार की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसके जरिए आप 1 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं. सरकार की ओर से आम जनता के लिए कई खास स्कीम चलाई जाती हैं, जिसमें पैसा लगाकर आप बढ़िया रिटर्न कमा सकते हैं. इस स्कीम का नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) है. इस समय यह निवेश का एक बेस्ट ऑप्शन है. आप इस स्कीम को पोस्ट ऑफिस (Post Office) या फिर सरकारी बैंक से ले सकते हैं.
सिर्फ 500 रुपये का भी कर सकते हैं निवेश
आप पीपीएफ में सिर्फ 500 रुपये से निवेश करने की शुरुआत कर सकते हैं. इस अकाउंट में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये और हर महीने अधिकतम 12,500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको अच्छा रिटर्न मिलता है. इसके अलावा ब्याज दर भी अच्छी हैं. पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष है, लेकिन आप इसे 5-5 साल की अवधि में आगे बढ़ा सकते हैं.
कितना मिलेगा ब्याज?
केंद्र सरकार की इस स्कीम पर निवेशकों को अभी 7.1 फीसदी की दर से ब्याज का फायदा मिलता है. सरकार इस स्कीम में मार्च के बाद हर महीने ब्याज का पेमेंट करती है. इसके अलावा आप अपने नाम पर या किसी नाबालिग के अभिभावक के रूप में पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं.
टैक्स छूट का मिलता है फायदा
इस स्कीम में निवेशकों को इकम टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है. आप सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में छूट का फायदा ले सकते हैं.
इस तरह मिलेंगे 1 करोड़ रुपये
अगर हमें इस स्कीम से एक करोड़ रुपये इकट्ठा करना है तो हमें इस निवेश की अवधि 25 साल करनी होगी. तब तक 1.5 लाख रुपये सालाना जमा के हिसाब से 37,50,000 रुपये जमा हो चुके होंगे, इस पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से 65,58,012 रुपये का ब्याज बनेगा. वहीं मैच्योरिटी अमाउंट तब तक 1,03,08,012 रुपये हो चुकी होगी. बता दें कि पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी 15 साल की होती है. 15 साल बात इस खाते को अगर आगे बढ़ाना है तो पांच-पांच साल के हिसाब से इस खाते को आगे के सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

