Gold Investment Tips Plan: आज बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार (Stock Market) में आ रहे बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव के बीच आम आदमी अपने पैसे के इन्वेस्ट को लेकर काफी परेशान है. आपको बता दें कि सोने में निवेश काफी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. आज देश के अंदर सोने में निवेश (Gold Investment) के कई विकल्‍प मौजूद हैं. अगर आप सोने में निवेश करना चाहता है तो इस बात को ध्‍यान रखें कि सोने से शॉर्ट टर्म में रिटर्न की कम है. लेकिन आप लॉन्‍ग टर्म में अच्‍छा लाभ उठा सकते है.


करेंसी बाजार में आएगी गिरावट 
लाइव मिंट रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्‍यादा महंगाई करेंसी के बाजार में आ सकती है. कोरोना महामारी के दौरान केंद्रीय बैंकों ने अपनी ब्‍याज दरों को भी कम कर दिया था. अब बैंकों को बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए अपनी मौद्रिक नीति को फिर से कड़ा करना पड़ रहा है. जिससे कैश फ्लो कम हो और इससे मांग में कमी आए तो महंगाई पर कुछ लगाम लगे. सोने की आपूर्ति सीमित होने के चलते जब ज्‍यादा सोना खरीदा जाता है तो इसके दाम चढ़ जाते हैं.


डेड एसेट क्यों है सोना 
निवेशक सोने को डेड एसेट के रूप माना जाता है. निवेश बिजनेस से जुड़ा हुआ नहीं है. शेयरों में किया निवेश कंपनी के प्रॉफिट कमाने पर बढ़ता है. लेकिन सोने के साथ ऐसा बिलकुल नहीं है. सोने पर निवेशक को कोई डिविडेंड नहीं मिलता है. सोने पर कोई ब्‍याज नहीं मिलता है. कई बार ऐसा भी हुआ है कि सोने से लॉन्‍ग टर्म तक कोई रिटर्न हासिल नहीं हुआ है. 


ये है निवेश के विकल्‍प
सोने में निवेश करने के बहुत से विकल्‍प हैं. आप सर्राफा बाजार से सोने के गहने, सोने के सिक्‍के या फिर बिस्किट भी खरीद सकते हैं. आप गोल्‍ड सेविंग फंड्स और गोल्‍ड एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से सोने की यूनिट खरीद सकते हैं. सरकार द्वारा जारी होने वाले सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍डस (SGBs) में निवेश कर सकते हैं. सोने में निवेश के ये सभी साधन सोने की कीमत से ही जुड़े हुए हैं. अगर आप सर्राफा मार्केट से सोने ले रहे हैं तो इसके आप गहने बनाकर पहन सकते हैं. जो लोग सोने में ट्रेड करना चाहते हैं उनके लिए ETF सही है. जो लोग सोने में लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड्स अच्‍छा विकल्‍प है, इसका लॉक इन पीरियड 8 साल है.


क्‍या है डिजिटल गोल्‍ड 
पिछले कुछ सालों से फिनटेक कंपनियां डिजिटल गोल्‍ड खरीदने का ऑफर दे रही हैं. यह एक डिजिटल गोल्‍ड ऐप से खरीदा जाता है और पार्टनर कंपनी की तिजोरी में रहता है. यह अनरेगुलेटिड है. पिछले साल ही सेबी ने डिजिटल गोल्‍ड Digital Gold को लेकर कंपनियों पर सख्‍ती की थी, जिसके बाद इसको काफी धक्‍का लगा है. किसी भी तरह का रेगुलेशन न होने के कारण डिजिटल गोल्‍ड में इन्वेस्टमेंट बहुत रिस्‍की है.


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