इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आप किन खर्चों या निवेश पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. आप अपने बच्चों के लिए किए गए निवेश और उनके ट्यूशन फीस पर भी टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. बता दें 2020-21 के लिए 31 मार्च 2021 तक इनकम रिटर्न फाइन करना है.
बच्चों के लिए निवेश
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके आप 80C के तहत 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट ले सकते हैं. अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप इस योजना में निवेश कर सकते हैं.
आपका बेटा है या बेटी10 साल से बड़ी है तो आप PPF या यूलिप (ULIP) सहित अन्य ऐसी योजनाओं में निवेश करें जहां 80C के तहत टैक्स लाभ मिल सके.
हेल्थ इंश्योरेंस
आप अगर अपने बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो सेक्शन 80D के तहत 25 हजार रुपए तक का डिडक्शन लिया जा सकता है.
टर्म इंश्योरेंस
टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए प्रीमियम देने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
हर साल नया प्लान लेने की जरूरत नहीं है. एक पॉलिसी में सालाना रिन्यूअल प्रीमियम भी सेक्शन 80C के तहत कर छूट दिला सकता है.
ट्यूशन फीस पर राहत
दो बच्चों के लिए स्कूल/कॉलेज की ट्यूशन फीस पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स बेनिफिट लिया जा सकता है.आपके दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो बच्चे के लिए यह दावा कर सकते हैं.
यह दावा आप तभी कर सकते हैं जब भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाए.
यह ध्यान रखें कि टैक्स में राहत केवल फुल टाइम एजुकेशन के लिए ही उपलब्ध है. टैक्स राहत के दायरे में निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या कोई पार्ट टाइम कोर्स नहीं आता.
एजुकेशन लोन
बच्चों के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर आप सेक्शन 80E के तहत टैक्स डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं.
इलाज के खर्च पर भी ले सकते हैं टैक्स छूट
सेक्शन 80DDB के तहत अपने किसी आश्रित की गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में खर्च की गई रकम पर इनकम टैक्स कटौती मिलती है.
आयकरदाता अपने माता-पिता, बच्चे, आश्रित भाई-बहनों और पत्नी के इलाज में खर्च की गई रकम की कटौती के लिए दावा कर सकता है. बच्चे के लिए यह कटौती 40 हजार रुपए होती है. इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है.
यह भी पढ़ें:
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, पूछा- एक जिले में तीन चरणों में वोटिंग क्यों?