नया संवत शुरू होते ही भारतीय शेयर बाजार को अच्छी खबर मिली है. यह अच्छी खबर दी है ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने. बैंकर ने भारतीय शेयरों को अपग्रेड किया है यानी घरेलू बाजार के दर्जे को बढ़ा दिया है. दूसरी ओर Goldman Sachs ने चीन को झटका देते हुए उसके शेयरों को डाउनग्रेड कर दिया है.
इस कारण रेटिंग में किया बदलाव
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, Goldman Sachs ने भारतीय शेयर बाजार के बारे में कहा है कि उसने भारतीय बाजार की रणनीतिक अपील को देखते हुए रेटिंग बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं गिरावट की आशंका और कमाई की ग्रोथ कम रहने के अनुमान के चलते उसने हांगकांग में ट्रेड किए जाने वाले चीन के शेयरों की रेटिंग कम की है.
भारतीय बाजार की सकारात्मक बातें
भारत को लेकर Goldman Sachs का कहना है कि भारतीय बाजार में पूरे क्षेत्र में सबसे शानदार संरचनात्मक वृद्धि की संभावनाएं हैं. अगले दो साल में भारतीय शेयरों की कमाई की ग्रोथ 15-17 फीसदी रह सकती है. भारतीय बाजार की ग्रोथ मुख्य तौर पर घरेलू फैक्टर्स से ड्राइव हो रही है. इससे निवेशकों को कमाई करने का विस्तृत फलक मिलता है. बाजार पर सकारात्मक असर डालने वाले फैक्टर्स में मेक इन इंडिया, लार्ज कैप कंपाउंडर्स और मिड कैप मल्टीबैगर्स शामिल हैं.
भारतीय बाजार की चुनौतियां
इसके साथ-साथ Goldman Sachs ने भारतीय बाजार की कुछ चुनौतियों के बारे में भी आगाह किया है. बकौल Goldman Sachs हाउसिंग सेक्टर के डाउनटर्न, कर्ज के उच्च स्तर और प्रतिकूल जनसांख्यिकी से ग्रोथ कम होने की संरचनात्मक चुनौतियां हैं, लेकिन बाजार में मौजूद अल्फा अपॉर्च्यूनिटी इन्हें काउंटरबैलेंस कर देते हैं.
चीन के शेयरों की रेटिंग
रिपोर्ट के अनुसार, Goldman Sachs ने हांगकांग में लिस्टेड चीनी कंपनियों के शेयरों को मार्केट-वेट और हांगकांग की कंपनियों को अंडरवेट पर डाउनग्रेड कर दिया है. उसने कहा है कि एशियाई बाजारों के लिए रिटर्न का मेन ड्राइवर अर्निंग होने वाला है. वृहद आर्थिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में देखें तो वैल्यूएशन ठीक-ठाक स्तर पर है.
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