Investment in Mutual Fund: कोरोना महामारी का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है और लॉकडाउन भी धीरे-धीरे हटने लगा है. लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था मे आई सुस्ती भी तेजी से छंट रही है और घरेलु और विदेशी संस्थागत निवेशक शेयर बाजार में मन लगाकर निवेश कर रहे हैं. शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है और स्थिति में हो रहे लगातार सुधार को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि ये तेजी इसी प्रकार आगे भी बनी रहेगी. हमने देखा है कि लम्बी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश फायदेमंद साबित हुआ है.
म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश से मिलता है मुनाफा
शेयर बाजार में आने वाले कुछ समय में उतार चढ़ाव की संभावना जरूर है किन्तु लंबी अवधि के नजरिए से यह शेयर बाज़ार मे निवेश करने के लिए उपयुक्त समय है. शेयर बाजार में निवेश पर लम्बे समय में जहां एक ओर अच्छे मुनाफे की उम्मीद की जा सकती है वहीं इसमें जोखिम भी है इसलिए म्यूचुअल फंड के जरिये शेयर बाजार में भागीदारी फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि म्यूचुअल फंड को इस काम में निपुण लोग मैनेज करते हैं. लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि सभी म्यूचुअल फंड एक जैसे नहीं होते बल्कि ये विभिन्न कैटेगरी में बंटे हैं. आज हम आपको इन्हीं में से एक फ्लेक्सी कैप कैटेगेरी के बारे में बताएंगे.
क्या है फ्लेक्सी कैप कैटेगेरी
एक इक्विटी फंड के पोर्टफोलियो में रखी गयी कंपनियों के आकार और निवेश की रणनीति के आधार पर उन्हें लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और फोकस्ड फंड इत्यादि की श्रेणियों में रखा जाता है. सेबी के निर्देशानुसार एक फ्लेक्सी कैप फंड का निवेश कम से कम 65 प्रतिशत शेयर बाजार मे करना अनिवार्य है लेकिन यह फंड मैनेजर तय करते हैं कि किस तरह के मार्केट कैप वाले शेयरों मे कितना प्रतिशत निवेश करना है. इसका फायदा यह है कि बाज़ार की चाल के हिसाब से फंड मैनेजर समय समय पर पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं जिससे जोखिम सीमित रहता है.
2009 से 2013 के बीच ऐसा रहा फंड्स का प्रदर्शन
साल 2009 से 2013 के बीच जहां लार्ज कैप शेयरों के इंडेक्स निफ्टी 100 टोटल रिटर्न इंडेक्स ने 131 प्रतिशत का रिटर्न दिया वहीं निफ्टी मिडकैप 150 टोटल रिटर्न इंडेक्स ने 150 प्रतिशत और निफ्टी स्माल कैप 250 टीआरआई ने 112 प्रतिशत का रिटर्न दर्ज किया. साल 2014 से साल 2017 के बीच ये रिटर्न क्रमशः 86 प्रतिशत, 194 प्रतिशत और 203 प्रतिशत रहे. यदि हम साल 2018 से 2020 की बात करें तो जहां लार्ज कैप इंडेक्स ने 34 प्रतिशत और मिड कैप इंडेक्स ने 11 प्रतिशत का मुनाफा दर्ज कराया वहीं स्माल कैप इंडेक्स ने 14 प्रतिशत घाटा दर्ज किया. इससे पता चलता है है कि अलग अलग समय पर अलग-अलग मार्केट कैप वाले शेयर दूसरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
फ्लेक्सी कैप कैटेगेरी का महत्व
लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप फंड अपने नाम के अनुरूप मुख्य रूप से दिग्गज कंपनियों, मझोली कंपनियों और छोटी कंपनियों के शेयरों मे निवेश करते हैं. जबकि फ्लेक्सी कैप फंड एक से अधिक तरह की मार्केट कैप वाली कम्पनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं यानि कि इस कैटेगरी के फंड का निवेश लार्ज कैप मिड कैप और स्माल कैप सभी तरह के शेयरों मे हो सकता है. साथ ही फ्लेक्सी कैप फंड सभी सेक्टर में निवेश कर सकते हैं जिससे फंड मैनेजर के पास असीमित विकल्प मौजूद रहते हैं.
महिंद्रा मनु लाइफ म्यूचुअल फंड के बारे में जानें
हाल ही में महिंद्रा मनु लाइफ म्यूचुअल फंड ने भी फ्लेक्सी कैप फंड का एनएफओ लॉन्च किया है जिसका नाम है महिंद्रा मनुलाइफ फ्लेक्सी कैप योजना. महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने इस योजना में शेयरों का चुनाव करने के लिए एक अलग स्ट्रक्चर तैयार किया है जिसके आधार पर किसी शेयर के वास्तविक मूल्य और बाजार मूल्य के बीच का अंतर पता चल पायेगा. अक्सर शेयर अपने वास्तविक मूल्य से अधिक दाम पर खरीदे व बेचे जाते हैं. ऐसे शेयरों में जोखिम अधिक होता है क्योंकि यदि शेयर बाजार में गिरावट आती है तो ऐसे शेयरों पर उसका असर ज्यादा पड़ता है.
महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने शेयरों का मूल्यांकन करने का जो तरीका निकाला है उससे सीमित जोखिम के साथ अधिक फायदा मिलने की उम्मीद की जा सकती है. कम से कम 1000 रुपये से इस फंड में निवेश की शुरुआत की जा सकती है. यह एनएफओ 13 अगस्त तक निवेश के लिए खुला रहेगा. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है इसलिए एनएफओ बंद होने के बाद 25 अगस्त से एक बार फिर इस स्कीम में निवेश करने और पैसे निकालने की सुविधा शुरू हो जाएगी. यह फंड एकमुश्त निवेश और एसआईपी के लिए उपयुक्त है. पांच साल या उससे अधिक अवधि के नजरिए से इस फंड में निवेश किया जा सकता है. ऐसे निवेशक जो एक डाइवर्सिफाइड फंड में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए फ्लेक्सी कैप एक बेहतर विकल्प है.
इस लेख के लेखक पंकज मठपाल हैं जो एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हैं और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ हैं.
नोटः म्यूचुअल फंड निवेश जोखिम नियमों के अधीन है और निवेशक किसी भी तरह की स्कीम में निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल प्लानर से सलाह लें तो बेहतर है.
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