Income Tax Proof Submission Documents: वित्त वर्ष 2022-23 के खत्म होने में केवल 3 महीने बचे हैं. तो इस फाइनैंशियल ईयर के लिए कंपनियां अपने कर्मचारियों से टैक्स डेक्लेयरेशन के तहत टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश से जुड़े कागजातों की डिमांड शुरू कर चुकी हैं. इसलिए आपके लिए ये जरुरी है कि आप अभी से उन कागजातों को जमा करना शुरू कर दें जिसमें निवेश कर आपने टैक्स बचाने की योजना बनाई है. या फिर उन खर्च से जुड़े डॉक्यूमेंट्स जुटा लें जिससे आपने टैक्स बचाने का फैसला किया है. इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर ही आपके ऊपर टैक्स की देनदारी तय होती है या फिर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. 


आइए डालते हैं उन डॉक्यूमेंट्स पर एक नजर जो टैक्स बचाने के लिए आपको अपने दफ्तर में जमा करना पड़ सकता है. 


निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट्स 


इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्सपेयर्स 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स बचा सकता है. ये निवेश ULIP, लाइफ इंश्योरेंस स्कीम, म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग स्कीम ELSS, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल की टैक्स सेविंग बचत योजना, EPF, NPS में किया जा सकता है. इसके अलावा 80सी के तहत दो बच्चों के एजुकेशन फीस और होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर भी टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. 


अगर आपने इन योजनाओं में से किसी भी स्कीम में निवेश किया हुआ है तो अपनी बीमा कंपनी, म्यूचुअल फंड कंपनी से सलाना निवेश का स्टेटमेंट मंगा लें. एजुकेशन फीस या फिर होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के जरिए टैक्स छूट हासिल करना चाहते हैं तो फौरन इन निवेश या खर्च से जुड़े डॉक्यूमेंट के कागजात इकठ्ठा कर लें क्योंकि इन डॉक्यूमेंट्स को आपको अपने दफ्तर में जमा कराना होगा. 


होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट 


होम लोन के 2 लाख रुपये तक के ब्याज के रकम पर आप टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. यानि 2 लाख रुपये तक ब्याज के रकम को आप इनकम में से घटा सकते हैं. लेकिन ये फायदा तभी मिलेगा जब आप डेक्लेयरेशन फॉर्म में ये घोषित करते हैं और डॉक्यूमेंट जमा कराते हैं. अगर आपने होम लोन लिया हुआ है और उसके ब्याज के रकम पर आप टैक्स छूट हासिल करना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी से स्टेटमेंट लेना होगा जिसमें ये लिखा हुए हो कि इस वित्त वर्ष में प्रिंसिपल अमाउंट के मद में आपने किया भुगतान किया और ब्याज के मद में कितना रकम अदा किया गया है. 2 लाख रुपये तक सलाना ब्याज के रकम पर टैक्स छूट हासिल किया जा सकता है. अगर आप 2 लाख रुपये से ज्यादा ब्याज के मद में भुगतान करते हैं तो भी आपको 2 लाख रुपये तक की कटौती का ही लाभ मिलेगा. 


HRA क्लेम के लिए पैन कार्ड जरुरी


HRA का मतलब हाउस रेंट अलाउंस होता है. अगर आप सैलेरी में एचआरए के रूप में मिलने वाले रकम पर टैक्स छूट हासिल करना चाहते हैं तो आपको कंपनी के पास रेंट रिसिप्ट से लेकर रेंट एग्रीमेंट के डॉक्यूमेंट जमा करना होगा. अगर आपका सलाना रेंट 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको मकान मालिक का पैन नंबर जमा कराना होगा. 1 लाख रुपये से ज्यादा का एचआर क्लेम करने पर मकान मालिक का पैन होना बेहद जरुरी है.  


मेडिक्लेम से जुड़े डॉक्यूमेंट्स 


हर वर्ष 25,000 रुपये के मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. अगर आपने भी मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लिया हुआ तो 25,000 रुपये के सलाना प्रीमियम देनदारी पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरुरी है कि आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से प्रीमियम भुगतान का स्टेटमेंट हासिल कर लें क्योंकि कंपनी में इसे जमा कराना होगा. 


इन्हीं डॉक्यूमेंट्स के आधार पर आपके के ऊपर टैक्स की देनदारी तय होगी. जिसके बाद कंपनी आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको फॉर्म 16A जारी करेगी. 


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