Voluntary Provident Fund: हर नौकरीपेशा व्यक्ति (Job) के घर का खर्चा इस महीने में मिलने वाली सैलरी से चलता है. नौकरीपेशा व्यक्ति चाहे प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) में काम करें या सरकारी सेक्टर (Government Sector) में काम करें उसकी सैलरी का एक हिस्सा पीएफ (PF) के रूप में कटता है. जब व्यक्ति रिटायर होता है तो उसे वह पैसे मिल जाते हैं. इसके अलावा इस पैसों का इस्तेमाल जरूरत के समय भी किया जा सकता है. यह हमारे लिए भविष्य की सेविंग (Saving) की तरह है. किसी अनहोनी होने की स्थिति में पीएफ के सभी पैसे पीएफ अकाउंट में नॉमिनी को दे दिए जाते हैं.


PF से अलग है नियम
इसी प्रोविडेंट फंड (EPF) में एक और निवेश का ऑप्शन है जिसमें आपके कम समय में ही डबल बेनिफिट मिल सकता है. इसे वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) के नाम से जाना जाता है. यह भी एक तरह का फंड ही है लेकिन, इसके नियम, लिमिट और शर्तें अलग हैं. प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी की बेसिक सैलरी, DA का 12-12 प्रतिशत हिस्सा तक ही जमा कर सकता है. वहीं इसमें नौकरी देने वाली कंपनी (Employer) के 12 प्रतिशत का योजदान रहता है जो इंप्लॉई पेंशन स्कीम (Employee pension scheme, EPS) में जाता है. जो नौकरीपेशा व्यक्ति अपनी इन हैंड सैलरी को कम रखकर इस भविष्य निधि (EPF) में योगदान ज्यादा देना चाहता है उसके लिए वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) एक बेहतरीन ऑप्शन है. इस स्कीम के तहत कोई भी कर्मचारी अपनी सैलरी का 100 प्रतिशत हिस्सा तक जमा कर सकता है.


इस तरह वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) में कर सकते हैं निवेश
VPF का फायदा उठाने के लिए आप अपनी कंपनी के HR से बात करें. अगर कंपनी VPF की सुविधा देती है तो HR पॉलिसी के मुताबिक आपका निवेश को शुरू कर देगा. इस स्कीम के तहत VPF अकाउंट को कर्मचारी के मौजूदा EPF अकाउंट से जोड़ दिया जाता है. सारी प्रक्रिया शुरू होने के बाद आप इसमें पैसे डालना शुरू कर सकते हैं. इस स्कीम में निवेश करने की शुरुआत आप  वित्त वर्ष शुरू होने पर ही कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत जमा होने वाले पैसों को आप अपनी जरूरत के हिसाब से बढ़ा और घटा सकते हैं. लेकिन, इस स्कीम में एम्प्लॉयर अपने कंट्रीब्यूशन बढ़ाने के लिए बाध्य नहीं हैं.


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VPF पर लगता है इतना टैक्स
आपको बता दें कि VPF पर आप लोन भी ले सकते हैं. इसमें बच्चों की एजुकेशन लोन, होम लोन, बच्चों की शादी जैसे खर्च आदि के लिए भी आप लोन ले सकते हैं. अगर आपको EPF और VPF का योगदान मिलाकर 2.5 लाख से ज्यादा की कमाई इंटरेस्ट के रूप में होती है तो आपको इस पर टैक्स देना पड़ेगा.


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VPF स्कीम के द्वारा मिलने वाले फायदे
-इसमें आपको ब्याज मिलता है.
-इसके द्वारा आपको इनकम टैक्स के नियम 80C के तहत टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) का फायदा मिलता है.
-इसके पैसे ऑनलाइन क्लेम (Online Claim) से निकाले जा सकते हैं.
-VPF की पूरा पैसा सिर्फ रिटायरमेंट (Retirement) पर ही निकाला जा सकता है.
-अगर आप नौकरी बदलते हैं तो आपका VPF फंड को भी EPF दोनों ट्रांसफर हो जाएगा.