निवेश करने के लिए कई सारे विकल्प मौजूद हैं. हालांकि कुछ लोग एक साथ बड़ा निवेश नहीं कर पाते हैं. इसके लिए कई छोटी स्कीम भी मौजूद है. इसमें रिकरिंग डिपॉजिट (RD) यानी आवर्ती जमा भी एक विकल्प है, जिसमें हर महीने कुछ पैसों की बचत की जा सकती है और उस पर ब्याज भी हासिल किया जा सकता है. हालांकि अलग-अलग बैंकों की RD पर अलग-अलग ब्याज दर है.
RD की खासियत यह है कि इसमें हर महीने पैसा निवेश किया जा सकता है. RD पर मिलने वाला रिटर्न निश्चित होता है और इसमें पैसा भी सुरक्षित रहता है. RD के तहत आपके पैसे पर किसी भी प्रकार का कोई वित्तीय जोखिम नहीं होता है. सामान्य तौर पर इस स्कीम में 6 महीने से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश किया जा सकता है. आरडी 100 रुपये प्रति महीने के निवेश से भी शुरू की जा सकती है. अधिकतम जमा राशि की कोई सीमा नहीं है. प्राइवेट और सरकारी बैंकों में आरडी के लिए अकाउंट खुलवाया जा सकता है.
वहीं RD से ब्याज आय अगर 40,000 रुपये (सीनियर सिटीजन के मामले में 50000 रुपये) तक है तो कोई टैक्स नहीं लगता है. हालांकि इससे ज्यादा होने पर 10% TDS कटता है. हालांकि ब्याज की आय को मिलाकर कुल सालाना आय अगर इनकम टैक्स सीमा में नहीं आती है तो बैंक TDS नहीं काटा जाता है. इसके लिए लोगों को फॉर्म 15G (सीनियर सिटीजन को फॉर्म 15H) भरकर बैंक में जमा करना होता है. इन फॉर्म के जरिए यह पुष्टि की जाती है कि किसी व्यक्ति की सालाना आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आ रही है.
कौन दे रहा ज्यादा ब्याज?
इंडसइंड बैंक एक साल की आरडी पर 8 फीसदी का ब्याज दे रहा है. इसके अलावा एक साल की आरडी पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 7%, बंधन बैंक 6.75%, बैंक ऑफ इंडिया 6.65%, यस बैंक 6.50%, पोस्ट ऑफिस 5.80%, आईसीआईसीआई बैंक 5.80%, एसबीआई 5.50% और पंजाब नेशनल बैंक 5.20% ब्याज दे रहा है.
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