BYJU's Crisis: संकट में फंसी एडटेक कंपनी बायजूज के चार निवेशकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ कुप्रबंधन, उत्पीड़न का आरोप लगाकर मुकदमा दायर कर दिया है. उन्होंने कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए कहा कि बायजू में फॉरेंसिक ऑडिट किया जाए. इसके अलावा कंपनी में नए बोर्ड को नियुक्त किया जाए और राइट्स इश्यू को शून्य घोषित किया जाए.


आज बुलाई गई थी बायजूज की ईजीएम


आज बायजूज में एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) बुलाई गई थी और इसमें कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन को उनके परिवार के सदस्यों सहित कंपनी से बाहर करने पर चर्चा की गई है.


विरोधी निवेशकों के पास रवींद्रन एंड फैमिली से ज्यादा हिस्सा


जिन निवेशकों ने रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी से बाहर करने की मांग पर ईजीएम बुलाई थी उनके पास कंपनी की 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है. वहीं रवींद्रन, उनकी पत्नी और उनके भाई के पास थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड में 26.3 फीसदी हिस्सेदारी है. थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड बायजूज की पेरेंट कंपनी है.


EGM में शामिल नहीं हुए बायजू रवींद्रन और उनके परिेवार के सदस्य


मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और रवींद्रन के भाई रिजु रवींद्रन इस ईजीएम में शामिल नहीं हुए. 


बायजूज में चल रहा गंभीर वित्तीय संकट


कभी देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कहा जाने वाला बायजू अब गंभीर वित्तीय संकटों में घिरा हुआ है. वित्त वर्ष 2022 में बायजू को 8245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसके बाद बायजू ना सिर्फ सबसे बड़े घाटे वाला स्टार्टअप बना बल्कि देश की सबसे ज्यादा घाटे में चलने वाली कंपनियों में भी शामिल हो गया. आंकड़ों के मुताबिक बायजू की मार्केट वैल्यू घटकर 1 अरब डॉलर रह गई है जो कि अप्रैल, 2023 में लगभग 22 अरब डॉलर थी.


ये भी पढ़ें


Ideas of India 3.0: महिंद्रा ग्रुप के CEO अनीश शाह ने कहा- मैन्यूफैक्चरिंग और नौकरी के मौके बढ़ाना जरूरी