कोरोनावायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते जाने और शेयर बाजार में अनिश्चितताओं के बावजूद निवेशकों का म्यूचुअल फंड की ओर रुझान कम नहीं हुआ है. सुरक्षित निवेश के लिए निवेशक म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश कर रहे हैं. मई में म्यूचुअल फंड ने मई में 6.12 लाख नए फोलियो (खाते) जोड़े. अब म्यूचुअल फंड खातों की संख्या 9.1 करोड़ तक पहुंच चुकी है. अप्रैल में इंडस्ट्री में खातों की संख्या में 6.82 लाख का इजाफा हुआ था.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोलियो में लगातार इजाफे से साफ है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में विश्वास बना हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक मई में म्यूचुअल फंड में निवेश में 46 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 63,665 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान बाजार में आसानी रिडिम होने वाली निवेश योजनाओं में ज्यादा निवेश हुआ है.
आरबीआई के कदम से निवेशकों का भरोसा बढ़ा
रिजर्व बैंक ने भी कुछ ऐसे कदम उठाएं हैं, जिनसे म्यूचुअल फंड के निवेशकों में विश्वास बढ़ा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ डेट्स फंड में गड़बड़ियों पर आरबीआई ने कड़ा एक्शन लिया है. इससे निवेशकों में विश्वास जगा है. म्यूचुअल फंड में बढ़े निवेश के पीछे यह भी एक वजह हो सकती है. दरअसल म्यूचु्अल फंड में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी की वजह से आरबीआई इस पर सख्त निगरानी रख रहा है. रिजर्व बैंक ने अप्रैल में म्यूचुअल पर बढ़े रहे दबाव को कम करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की खास कैश फैसलिटी उपलब्ध कराई थी.
भारतीय अर्थव्यवस्था में बना हुआ है विश्वास
दरअसल तमाम दिक्कतों के बावजूद भारतीय निवेशकों में इकनॉमी की रिकवरी को लेकर मजबूत धारणा बनी हुई है. यूएन समेत कई एजेंसियों ने भारत में विदेशी निवेश बेहतर रहने की बात की है. यूएन का कहना कि भारत में अगले साल तक रिकवरी हो सकती है. एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में भारत की मजबूती बनी रहेगी. दक्षिण