Investors Wealth Loss: हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन वैश्विक कारणों से भारतीय शेयर अमेरिका में भारी गिरावट देखी गई. सेंसेक्स में 1,000 तो निफ्टी में एक वक्त 300 अंकों से ज्यादा नीचे जा फिसला. इस गिरावट के चलते निवेशकों को जबरदस्त नुकसान हुआ है. बाजार में इस गिरावट के चलते निवेशकों को 3.39 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. 


30 दिग्गज स्टॉक्स वाले बीएसई का इंडेक्स सेंसेक्स 1,011.93 अंक गिरकर 57,914.10 पर पहुंच गया. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैपिटलाईजेशन शुरुआती कारोबार में 3.39 लाख करोड़ रुपये घटकर 264 लाख करोड़ रुपये रह गया. 


दरअसल बाजार में गिरावट की बड़ी वजह अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने की आशंका है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, जनवरी में अमेरिका में मुद्रास्फीति आशंका से भी अधिक 7.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस वर्ष दरों में कम से कम एक फीसदी की वृद्धि कर सकता है. मार्च तक फेडरल रिजर्व दरें 0.5 फीसदी तक बढ़ा सकता है जो वैश्विक इक्विटी बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं है. 


बहरहाल तीन दिनों के शानदार उछाल के बाद भारतीय शेयर बाजार की तेजी पर ब्रेक लग गया है. हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला था.  लेकिन इसके बाद बाजार में गिरावट और बढ़ती चली गई और सेंसेक्स 58,000 अंकों के नीचे जा फिसला. फिलहाल सेंसेक्स में  1000 अंक निफ्टी में 300 अंकों की गिरावट देखी गई.  


शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के असर से कोई भी सेक्टर नहीं बच सका. बैंकिंग सेक्टर से लेकर आईटी, ऑटो, रियल एस्स्टे, एफएमसीजी, फार्मा समेत मिडकैप और स्मॉल कैप  स्टॉक्स की पिटाई देखी गई. 


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