Go First-IOC Update: सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की भी वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट पर भारी भरकम रकम बकाया है. इंडियन ऑयल ने गो फर्स्ट को हवाई ईंधन बेचा था जिसका भुगतान कंपनी ने नहीं किया है. अब तेल कंपनी ने तय किया है कि 61.14 मिलियन डॉलर बैंक गारंटी को कैश कर अपने बकाये रकम की वसूल करेगी. वहीं तेल कंपनी को उम्मीद है कि 6.11 मिलियन डॉलर के अनसिक्योर्ड सेल्स की वसूली करने में भी कंपनी सफल रहेगी. 


इंडियन ऑयल देश की सबसे बड़ी हवाई ईंधन यानि एयर टर्बाइन फ्यूल सप्लाई करने वाली सरकारी तेल कंपनी है. गो फर्स्ट को केवल इंडियन ऑयल ही हवाई ईंधन की सप्लाई किया करती थी. सरकारी तेल कंपनियां एयरलाइंस को जो हवाई ईंधन बेचती हैं उसके एवज में एयरलाइंस तेल कंपनियों को बैंक गारंटी उपलब्ध कराती हैं जिससे बिना किसी रोकटोक के एयरलाइंस को हवाई ईंधन सप्लाई होती रहे. 


इंडियन ऑयल ने 61.14 मिलियन डॉलर के बैंक गारंटी को कैश करने के लिए बैंकों से संपर्क किया है. ये बैंक गारंटी बैंक ऑफ बड़ौदा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया था. पिछले दो से तीन महीनों में इंडियन ऑयल ने बिना बैंक गारंटी के 6.11 मिलियन डॉलर का हवाई ईंधन गो फर्स्ट को बेचा है क्योंकि एयरलाइंस का क्रेडिट लिमिट खत्म हो गया था.  


2 मई को गो फर्स्ट ने अचानक 3 और 4 मई को अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी. साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्राईब्युनल (NCLT) में  कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए वोलंट्री इंसोलवेंसी रिजोल्युशन के लिए दाखिल कर दी जिसपर 4 मई को सुनवाई है. वाडिया समूह की गो फर्स्ट ने एनसीएलटी में लगाये गए अर्जी में कहा कि वो अपने वित्तीय दायित्वों के बोझ को उठाने में असमर्थ है. कंपनी ने प्रैट एंड व्हिटनी पर इसका ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि कंपनी के विमानों के इंजन की सप्लाई समय पर नहीं किए जाने के चलते 50 फीसदी विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. गो फर्स्ट पर 6521 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक ने गो फर्स्ट को कर्ज दिया हुआ था. 


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