Bajaj IPO: पता चल गया बजाज के नए आईपीओ का प्राइस बैंड, बोली लगाने के लिए पड़ेगी इतने पैसे की जरूरत
Bajaj Housing Finance IPO: बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ अगले सप्ताह ओपन होने जा रहा है. उससे पहले कंपनी ने अब प्राइस बैंड का खुलासा कर दिया है...
बाजार में जल्दी ही बजाज समूह का तीसरा शेयर दस्तक देने वाला है. अगले सप्ताह खुलने जा रहे बजाज हाउसिंग फाइनेंस आईपीओ के लिए कंपनी ने प्राइस बैंड का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही निवेशकों के लिए अनिश्चितता की स्थिति दूर हो गई है और उन्हें पता चल गया है कि बजाज के अपकमिंग आईपीओ में बोली लगाने के लिए उन्हें कितने पैसों की जरूरत पड़ने वाली है.
पहले से बाजार में बजाज के ये शेयर
बजाज हाउसिंग फाइनेंस से पहले शेयर बाजार में बजाज समूह के 2 शेयर पहले से मौजूद हैं. वे दोनों शेयर बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के हैं. बजाज के दोनों शेयरों की गिनती देश के सबसे बड़े शेयरों में होती है और वे दोनों ही सेंसेक्स के कंपोनेंट हैं. अब बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ आ रहा है, जिसमें बजाज फाइनेंस और बजाज फाइनेंस की हैसियत प्रमोटर की है.
कंपनी ने बताया- कितना होगा प्राइस बैंड
कंपनी ने बताया है कि आईपीओ में उसके शेयरों का प्राइस बैंड 66-70 रुपये का होगा. बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ के एक लॉट में 214 शेयर रहने वाले हैं. इसका मतलब हुआ कि बजाज के इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए निवेशकों को कम से कम 14,980 रुपये की जरूरत पड़ने वाली है. खुदरा निवेशक ज्यादा से ज्यादा 13 लॉट या 1 लाख 94 हजार 740 रुपये का निवेश कर पाएंगे.
इतना बड़ा है बजाज का लेटेस्ट आईपीओ
इस आईपीओ का टोटल साइज 6,560 करोड़ रुपये है. उसमें 3,560 करोड़ रुपये के शेयरों का फ्रेश इश्यू और 3 हजार करोड़ रुपये का ऑफर फोर सेल शामिल है. बजाज का यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 9 सितंबर को खुलेगा, जबकि उसमें 11 सितंबर तक बोली लगाई जा सकेगी. निवेशकों के खाते में 13 सितंबर को शेयर क्रेडिट किए जाएंगे. बाजार पर शेयरों की लिस्टिंग 16 सितंबर को होगी.
ये काम करती है बजाज हाउसिंग फाइनेंस
बजाज हाउसिंग फाइनेंस एक एचएफसी यानी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है, जो 2015 से नेशनल हाउसिंग बैंक के पास रजिस्टर्ड है. कंपनी हाउसिंग सेक्टर में फाइनेंस की सेवाएं देती है. उसके उत्पादों में रेसिडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने अथवा उनकी मरम्मत करने के लिए फाइनेंशियल सॉल्यूशन शामिल हैं.
खुदरा निवेशकों के लिए इतना हिस्सा
आईपीओ में 50 फीसदी हिस्सा क्यूआईबी के लिए और 15 फीसदी हिस्सा एनआईआई के लिए रिजर्व है. खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ का 35 फीसदी हिस्सा उपलब्ध रहेगा. कोटक महिंद्रा कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, जेएम फाइनेंशियल और आईआईएफएल सिक्योरिटीज को आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है.
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