IPO Update: केबल बनाने वाली यह कंपनी लाने जा रही अपना IPO, बाजार से जुटाएगी 11,000 करोड़ रुपये, जानें डिटेल
Upcoming IPO: अपने आईपीओ के बारे में जानकारी देते हुए आरआर केबल (RR Kabel) के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीगोपाल काबरा ने पीटीआई को बताया है कि कंपनी आप आईपीओ साल 2023 में आएगा.
RR Kabel Upcoming IPO: पिछले कुछ वक्त से शेयर मार्केट में बढ़ोतरी का दौर देखा जा रहा है. ऐसे में अगर आप आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग में पैसा निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए एक सुनहरा मौका है. देश में केवल बनाने वाली कंपनी आरआर केबल (RR Kabel) निवेशकों के लिए जल्द ही अपना आईपीओ लेकर आने वाली है. आरआर केबल आरआर ग्लोबल ग्रुप की कंपनी है. हाल ही में कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए मार्केट नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) के पास अपने आईपीओ के लिए डॉक्यूमेंट्स जमा करवाएं हैं. अब हम आपको बताते हैं कि इस आईपीओ के जरिए सेबी कितने करोड़ का आईपीओ लाने की तैयारी कर रहा है.
11,000 मार्केट से जुटाने का है लक्ष्य
अपने आईपीओ के बारे में जानकारी देते हुए आरआर केबल (RR Kabel) के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीगोपाल काबरा ने पीटीआई को बताया है कि कंपनी आप आईपीओ साल 2023 में आएगा. यह आईपीओ वित्त वर्ष 2023-2024 की तीसरी तिमाही तक आने की उम्मीद है. कंपनी ने आईपीओ के जरिए 11,000 करोड़ रुपये मार्केट से उठाने का लक्ष्य रखा है. वहीं वित्त वर्ष 2025-26 तक आरआर केबल कई राउंड में अपना आईपीओ लाएगी.
अगले साल तक जमा हो जाएंगी सभी डॉक्यूमेंट्स
पीटीआई की खबर के मुताबिक अगले साल अक्टूबर-नवंबर 2023 में यह आईपीओ आएगा. इसके लिए कंपनी अगले साल मई तक अपने सभी डॉक्यूमेंट्स बाजार नियामक के पास जमा कराएगी. ध्यान देने वाली बात ये है कि कंपनी का कमाई वित्त वर्ष 2021-22 में 4,800 करोड़ रुपये था. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में यह कमाई 25 फीसदी तक बढ़ सकता है. ऐसे में यह कमाई 6,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.
पूरे देश में कंपनी का कारोबार बढ़ाने पर फोकस
आपको बता दें कि आरआर केबल का कारोबार देश के कई राज्यों में बहुत अच्छा है. यह राज्य हैं गुजरात, केरल , मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा है. वहीं अब कंपनी का लक्ष्य है कि साल 2025 तक आईपीओ के जरिए 11,000 करोड़ रुपये जुटने पर यह अपने कारोबार को साउथ इंडिया के कई राज्य जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक तक फैसला चाहती हैं.
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