SME IPO: विवादों में घिरा एक और छोटा आईपीओ, सिर्फ 8 करोड़ के ऑफर में निवेशकों ने लगा दी 1000 करोड़ रुपये की बोलियां
Boss Packaging IPO: बाजार की रैली का फायदा उठाने के लिए ताबड़तोड़ कंपनियां आईपीओ लेकर आ रही हैं. इस बीच एसएमई आईपीओ को लेकर सवालिया निशान लगने लगे हैं और विवाद शुरू होने लगा है...
शेयर बाजार की ऐतिहासिक रैली में रिकॉर्ड रफ्तार से लॉन्च हो रहे आईपीओ के बीच नया विवाद खड़ा होने लगा है. विवाद की जड़ में खास तौर पर छोटे आईपीओ यानी एसएमई आईपीओ हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि विभिन्न छोटे आईपीओ को निवेशकों से हैरान करने वाला रिस्पॉन्स मिल रहा है. अभी चंद दिनों के भीतर दूसरा ऐसा मामला सामने आ गया है.
बॉस पैकेजिंग आईपीओ को मिला ऐसा रिस्पॉन्स
ताजा मामला जुड़ा है एसएमई सेगमेंट की कंपनी बॉस पैकेजिंग के साथ. महज 8.41 करोड़ रुपये का यह छोटा आईपीओ 30 अगस्त से 3 सितंबर के बीच खुला. इस आईपीओ को सभी कैटेगरी में 100 गुने से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला. आईपीओ को रिटेल इन्वेस्टर्स की कैटेगरी में 165.29 गुना सब्सक्राइब किया गया, जबकि ओवरऑल उसे 136.21 गुना बोलियां मिलीं.
इस बात पर सवाल उठा रहे हैं इन्वेस्टर
एनालिस्ट इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि सिर्फ 8 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए निवेशकों ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां कैसे लगा दी. उन्हें हैरानी हो रही है कि आईपीओ को रिटेल और नॉन-रिटेल दोनों कैटेगरी में 100-100 गुने से ज्यादा बोलियां कैसे मिलीं, जबकि कंपनी का कारोबार कोई खास नहीं है.
खस्ताहाल है आईपीओ वाली कंपनी का दफ्तर
बॉस पैकेजिंग कंपनी के दफ्तर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनसे पता चल रहा है कि कंपनी का दफ्तर खस्ताहाल है. कंपनी ने अपने आईपीओ के ड्राफ्ट (डीआरएचपी) में बताया है कि मार्च 2024 के हिसाब से उसके कर्मचारियों की कुल संख्या सिर्फ 64 है. कंपनी का कहना है कि उसका रजिस्टर्ड ऑफिस अपना नहीं है, बल्कि उसने लीज और लाइसेंस पर दफ्तर लिया है.
सिर्फ 1 करोड़ रुपये के मुनाफे वाली कंपनी
कंपनी डायवर्सिफाइड पैकेजिंग मशीन, सेल्फ अधेसिव स्टिकर लेबलिंग मशीन, कंवेयर, टर्नटेबल्स, वेब सीलर्स, इलेक्ट्रिक टनल्स आदि का विनिर्माण, आपूर्ति और निर्यात करती है. कंपनी का परिचालन से प्राप्त राजस्व पिछले वित्त वर्ष में 12.17 करोड़ रुपये रहा था, जबकि उसका टैक्स के बाद मुनाफा सिर्फ 1.01 करोड़ रुपये था.
12 करोड़ के इस आईपीओ पर भी हुआ विवाद
इससे पहले रिसॉर्सफुल ऑटो के आईपीओ पर विवाद खड़ा हुआ था. उसका मामला भी कुछ ऐसा ही था. यामाहा के 2 शोरूम चलाने वाली और सिर्फ 8 कर्मचरियों वाली इस कंपनी ने 12 करोड़ का आईपीओ पेश किया था, लेकिन उसे 2,700 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई थीं. उसके बाद चारों तरफ आईपीओ के प्रति निवेशकों के रवैये को लेकर चर्चा होने लगी थी.
ये भी पढ़ें: आईपीओ लाने की तैयार में जुटी जावा-येज्डी मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी, सामने आया ये प्लान