टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने आईपीओ लाने की बाध्यता और शेयर बाजार पर लिस्टिंग से बचने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किया है. आरबीआई के द्वारा नियमों में बदलाव करने के बाद उसके लिए शेयर बाजार पर लिस्टिंग से बचने का यही एकमात्र विकल्प था.


टाटा संस ने किया कर्ज का पुनर्भुगतान


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने 20 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्भुगतान कर दिया है और उसने आरबीआई के पास अपने सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन को स्वेच्छा से जमा करा दिया है. टाटा संस के इस कदम को अनलिस्टेड बने रहने के रणनीतिक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.


इस कारण पड़ी थी आईपीओ की जरूरत


दरअसल रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेगुलेशंस में कुछ बदलाव किया था. रिजर्व बैंक ने टाटा संस को अपर-लेयर एनबीएफसी की कैटेगरी में डाल दिया था. उसके बाद कंपनी के लिए आईपीओ लाकर बाजार में लिस्ट होना जरूरी हो गया था. नियमों के अनुसार, टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर 2025 तक का समय था. बाजार में इसी कारण कयास लगाए जा रहे थे कि हो सकता है टाटा समूह अपनी होल्डिंग कंपनी का आईपीओ लेकर आए.


इतनी है टाटा संस की मौजूदा वैल्यू


अगर टाटा संस का आईपीओ आता तो शेयर बाजार पर आईपीओ के अब तक के सारे रिकॉर्ड उसके सामने बौने पड़ जाते. 410 बिलियन डॉलर वाले टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की वैल्यू पिछले साल 11 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी. आईपीओ आता तो टाटा ट्रस्ट समेत टाटा संस के विभिन्न शेयरहोल्डर्स को हिस्सेदारी 5 फीसदी तक कम करनी पड़ती. टाटा संस में अभी सबसे ज्यादा 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है. 5 फीसदी के हिसाब से आईपीओ की वैल्यू करीब 55 हजार करोड़ रुपये हो जाती.


अभी एलआईसी के नाम पर दर्ज है रिकॉर्ड


भारतीय बाजार में अभी तक 25 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ भी नहीं आया है. भारतीय बाजार के इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड फिलहाल सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास है. एलआईसी 2022 में 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी, जो भारतीय बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है.


सुरक्षित हो गया एलआईसी का रिकॉर्ड


बहरहाल अभी एलआईसी के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड एक बार फिर से सुरक्षित हो गया है. टाटा संस पहले से ही बाजार में लिस्टिंग से बचने के विकल्पों पर विचार कर रही थी. अब कंपनी ने कर्ज का पुनर्भुगतान कर आरबीआई को सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन ही लौटा दिया है तो वह पब्लिक होने की शर्त से बाहर हो गई है. ऐसे में टाटा संस के सामने अब आईपीओ लाने की मजबूरी नहीं रही है.


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