नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की क्वालिटी की शिकायतों से जूझ रहा है और इसके अलावा पर्यावरण को संरक्षित करने की चुनौती भी रेलवे के सामने हैं. अब इसको लेकर रेलवे की कैटरिंग सेवा आईआरसीटीसी ने एक नए कदम की पहल की है जिससे कुछ ट्रेनों में आपके भोजन करने का अंदाज बिलकुल बदल जाएगा.





भारतीय रेलवे ने ये जानकारी दी थी कि कल से कुछ शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों को पॉलीमर की बजाय खोई से बनी इको फ्रेंडली प्लेटों में भोजन परोसा जा रहा है. कल विश्व पर्यावरण दिवस पर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने दिल्ली से चलने वाली आठ चुनिंदा शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में इको फ्रेंडली और खोई से बने प्लेट में भोजन परोसे जाने का ट्रायल रन शुरू किया है.


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक छोटा सा कदम विश्व पर्यावरण दिवस पर.’ उन्होंने कहा कि रेलवे ने दिल्ली से चलने वाली चार शताब्दी और चार राजधानी ट्रेनों में पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल पैकेज का इस्तेमाल शुरू किया है. आईआरसीटीसी अब गन्ने की पेराई से निकले खोई का उपयोग छुरी-कांटा और कंटेनर बनाने में करेगी. ट्रेनों में भोजन परोसने में इनका उपयोग किया जाएगा.





रेलवे के एक बयान में कहा गया है कि उसकी योजना सभी राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में आने वाले महीनों में भोजन परोसने के लिए खोई से बनी प्लेट का इस्तेमाल शुरू करने का है.


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