IRCTC Data Monetization Policy : भारतीय रेलवे (Indian Railways) की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) ने आपके पर्सनल डेटा को बेचने वाले टेंडर को आज वापस ले लिया हैं.
टेंडर का हुआ जमकर विरोध
IRCTC ने यात्री और रेलवे से माल भेजने वाले ग्राहकों के आंकड़ों के मौद्रिकरण के लिए सलाहकार नियुक्त करने का एलान किया था, जिसके रेलवे की जमकर आलोचना हुई. इसके बाद आज IRCTC ने इस मामले से जुड़े टेंडर को ही वापस ले लिया है. रेलवे को अपने इस फैसले के लिए काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. विरोध करने वालों का कहना था कि आईआरसीटीसी के पास ग्राहकों के निजी फोन नंबर, घर के पते, बैंक खातों की जानकारी जैसे बेहद संवेदनशील डेटा हैं. ग्राहक अपनी निजी जानकारियों को भरोसे के साथ IRCTC को देता हैं. लेकिन डेटा किसी और को मिले तो ऐसा करना, इन ग्राहकों का भरोसा तोड़ने जैसा होगा. IRCTC के अधिकारियों का कहना हैं कि इन सभी गोपनीयता पर चिंताओं के बाद इसे वापस लेने का फैसला किया है.
IRCTC withdraws tender for appointment of consultant for suggesting business strategies using data available.
— ANI (@ANI) August 26, 2022
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संसद में दिया जबाव
संसद की स्थाई समिति को आज शुक्रवार को आईआरसीटीसी ने सूचना प्रौद्योगिकी पर बताया कि इस निविदा को वापस ले लिया गया है. मालूम हो कि इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं. संसदीय समिति ने आईआरसीटीसी के कई अधिकारियों को इस मामले में तलब किया था. इस संबंध में आईआरसीटीसी की प्रबंध निदेशक और चेयरपर्सन रजनी हसीजा अन्य अधिकारियों के साथ समिति के सामने पेश हुईं थीं.
IRCTC ने क्या कहा ?
संसद की स्थाई के सामने आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि IRCTC ने डेटा संरक्षण विधेयक (Data Protection Bill) को मंजूरी न मिलने के निविदा वापस ले ली है. समिति की सुनवाई से पहले ही IRCTC ने वार्षिक बैठक में निविदा को वापस लेने का निर्णय लिया हैं.
IRCTC के पास हैं ये डाटा
निविदा दस्तावेज के अनुसार, स्टडी किए जाने वाले डेटा में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के विभिन्न सार्वजनिक अनुप्रयोगों जैसे नाम, आयु, मोबाइल नंबर, लिंग, पता, ई-मेल आईडी, यात्रा की श्रेणी, भुगतान मोड, लॉगिन-पासवर्ड द्वारा कैप्चर की गई जानकारी शामिल होगी. आपको बता दे कि आईआरसीटीसी के 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 7.5 करोड़ सक्रिय हैं.
1000 करोड़ रुपये जुटाने का था प्लान
इससे पहले आईआरसीटीसी ने अपने पास मौजूद डेटा को बेचकर 1000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने की योजना बनाई थी. और कॉरपोरेशन ने सलाहकार की नियुक्ति के लिए टेंडर भी जारी किया था. इस फैसले की जमकर आलोचना हुई थी.
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