IRDAI Insurance Cover: कारों के लिए 3 और टू व्हीलर के लिए 5 साल का मिल सकता है बीमा कवर, जानिए क्या है नया प्लान
IRDAI Update इरडा ने कारों के लिए 3 और टू व्हीलर के लिए 5 साल का बीमा कवर देने का प्रस्ताव पेश किया है, साथ ही इससे देश में 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
IRDAI Insurance Cover Proposal: अगर आप दोपहिया वाहन (Two Wheeler) या चार पहिया वाहन (Four Wheeler) का इस्तेमाल करते है, तो ये खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा (Insurance Regulatory and Development Authority -IRDAI) ने बुधवार को कारों के लिए 3 साल और बाइक के लिए 5 साल की बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) देने का प्रस्ताव पेश किया है. इसका उद्देश्य देश में बीमा के प्रसार को बढ़ाना और 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल करना है. साथ ही सभी बीमा ग्राहकों को कई तरह के विकल्प देकर बेहतर सुविधा देना है.
इरडा ने बनाया प्लान
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 'मोटर थर्ड पार्टी बीमा (Motor Third Party Insurance) और स्वयं को हुई क्षति बीमा’ दोनों को कवच प्रदान करने वाले लॉन्ग टर्म मोटर प्रोडक्ट को लेकर प्लान तैयार किया है. इस नए मसौदे में सभी सामान्य बीमाकर्ताओं को निजी कारों (Private Car) के लिए 3 साल की बीमा पॉलिसी और दोपहिया वाहनों के लिए 5 साल की मोटर थर्ड पार्टी कवर के साथ सह-टर्मिनस की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव बनाया गया है.
क्या है पूरा मामला
बीमा कंपनियों से IRDAI ने 1 सितंबर, 2018 से या उसके बाद खरीदी गई नई कारों और दोपहिया वाहनों के लिए लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करने को कहा था. लेकिन 1 सितंबर, 2019 से, उस गाइडलाइन्स में छूट दी गई थी. उस समय कहा गया था कि यह नियम सिर्फ नए निजी वाहनों (New Private Cars and New Two-wheelers) पर लागू होगा. पुराने वाहनों के पॉलिसी रिन्यू (Renewal of existing policies or for Old vehicles) पर लागू नहीं होगा.
इरडा ने किया सुधार
इस मामले में बीमा नियामक IRDAI ने 25 नवंबर को कई सुधारों को मंजूरी दी थी. इसमें बीमा कारोबार के लिए प्रवेश नियमों को आसान बनाना और ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ में कमी शामिल था. बीमा नियामक ने अपनी बोर्ड बैठक में निजी इक्विटी फंड को बीमा कंपनियों में सीधे निवेश करने की अनुमति दी थी. IRDAI का कहना है कि कोई इकाई जो चुकता पूंजी का 25 फीसदी तक और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों का 50 फीसदी तक निवेश करती है, उसे बीमा कंपनियों में 'निवेशक' माना जाएगा. इससे अधिक निवेश करने वाले को ही 'originator या जनक' माना जाएगा. पहले यह सीमा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 10 फीसदी और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों के लिए 25 फीसदी तक थी.
ये भी पढ़ें