अमूमन लोग अपने छोटे और बड़े वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लोन लेते हैं. लेकिन लोन प्रबंधन आसान नहीं होता. कुछ लोग वक्त पर लोन चुकाने में सफल रहते हैं लेकिन कुछ ऐसा नहीं कर पाते. इस वजह से उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है और आगे भी उन्हें लोन लेने में मुश्किल होती है. आइए जानते हैं बेहतर लोन मैनेजमेंट के तरीके क्या हैं और लोन के बोझ को वक्त पर कैसे कम किया जा सके.

कैटेगरी वाइज लोन को बांट कर करें अदा

सबसे पहले अपने लोन की अवधि पर गौर करें. उन्हें लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म लोन की कैटेगरी के टर्म में बांट लें. प्राथमिकता के हिसाब से भी उन्हें बांट लें. जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड पेमेंट को सबसे ऊपर रखें. क्योंकि इन पर काफी ज्यादा ब्याज लगता है वहीं कार लोन, होम लोन लंबी अवधि वाले लोन होते हैं इन पर तुलनात्मक रूप से कम ब्याज लगता है. इस तरह आप अपनी सूची में प्राथमिकताओं के हिसाब से अपने लोन रख सकते हैं और इस हिसाब से इसे चुकता करने की ओर बढ़ सकते हैं.

पेनल्टी या प्री-पेमेंट चार्ज करें कैलकुलेट

कुछ लोन को वक्त से पहले बंद कराने पर पेनल्टी या चार्ज लगता है. ऐसे में यह कैलकुलेट करें कि पेनाल्टी की राशि ज्यादा है या ब्याज की. अगर पेनल्टी की राशि मिलाकर कर्ज चुकाना महंगा पड़ रहा है तो इससे बचें. कुछ लोन ऐसे होते हैं कि प्री-पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लगता. ऐसे में अगर आप सालों ईएमआई देने के बजाय प्री-पेमेंट का ऑप्शन चुनें.

लॉन्ग टर्म, लो इंटरेस्ट रेट लोन को दें तवज्जो

अपने लोन का बोझ कम करने के लिए आप ऐसा लोन ले सकते हैं, जिसकी री-पेमेंट की अवधि ज्यादा है. ऐसे में इस तरह का लोन चुनें, जिसमें प्री-पेमेंट पेनल्टी या चार्ज का ऑप्शन न हो. अगर आपने कोई होम लोन लिया है और आपका ट्रैक रिकार्ड अच्छा है तो टॉप-अप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अगर यह संभव नहीं है तो कोई सिक्योरटाइज्ड लोन सकते हैं. अगर आपके सभी लोन एक ही बैंक में हैं तो सभी छोटे-छोटे लोन बंद करने के लिए एक ऐसा सिंगल लोन ले सकते हैं, तो एक सिगल लोन ले सकते हैं, जिसकी ब्याज दर कम हो.

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