Sovereign Gold Bond: क्या बंद होने वाली है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना? जानें क्यों हो रही हैं ये बातें
सरकार का लक्ष्य FY27 तक लोन-टू-जीडीपी रेश्यो को स्थिर रूप से कम करना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण FY26 के बजट में इस योजना को बंद करने की घोषणा कर सकती हैं.
भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 से बंद किया जा सकता है. आपको बता दें, इसका उद्देश्य देश में फिजिकल गोल्ड के आयात को नियंत्रित करना था. लेकिन अब, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अपने लोन-टू-जीडीपी रेश्यो को कम करने के प्रयासों के तहत इस योजना को समाप्त करने पर विचार कर रही है.
SGB योजना क्यों हो सकती है बंद?
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना ने अपने प्रारंभिक उद्देश्य को पूरा कर लिया है. हालांकि, इसके कारण सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है. दरअसल, SGB निवेशकों को बॉन्ड की अवधि समाप्त होने पर सोने के समकक्ष मूल्य का भुगतान करना पड़ता है, जिससे सरकार की वित्तीय देनदारियां बढ़ जाती हैं. इसके लिए, SGB पर हर छह महीने में 2.5% वार्षिक ब्याज का भुगतान किया जाता है, जो सरकारी वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है.
लोन-टू-जीडीपी रेश्यो कम करने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य FY27 तक लोन-टू-जीडीपी रेश्यो को स्थिर रूप से कम करना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण FY26 के बजट में इस योजना को बंद करने की घोषणा कर सकती हैं. जुलाई में पेश किए गए बजट भाषण में वित्त मंत्री ने वित्तीय घाटे को FY26 तक 4.5% से नीचे रखने की प्रतिबद्धता दोहराई थी. FY25 में लोन-टू-जीडीपी रेश्यो को 58.2% से घटाकर 56.8% तक लाने का अनुमान है.
SGB जारी करने में गिरावट
आपको बता दें, वित्तीय वर्ष 2025 के बजट में SGB के लिए आवंटन घटकर 18,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो FY24 के 26,852 करोड़ रुपये से कम है. फरवरी 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आखिरी बार SGB जारी किया था, जिसकी राशि केवल 8,008 करोड़ रुपये थी. इसके बाद से कोई नया SGB जारी नहीं किया गया है.