हिन्दू परिवार में क्या रेंट की आमदनी को परिवार में देना टैक्सेबल है, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारतीय हिन्दू सम्मिलित परिवार में अगर कोई सदस्य किराए से प्राप्त आमदनी को परिवार में देना चाहता है तो यह इनकम टैक्स की धारा 60 के तहत गिफ्ट कहलाएगा और इसपर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
Hindu Undivided Family (HUF) एक जटिल कानून है जिसमें हिन्दू सम्मिलित परिवार की आय का निपटान किया जाता है. इस कानून में बहुत से प्रावधानों को आम लोग नहीं समझते. मसलन एक व्यक्ति को जिज्ञासा है कि उनकी एक बहू ने मुंबई में एक फ्लैट खरीदा है. इस फ्लैट के किराए से उसे 50 हजार रुपये की आमदनी होती है. इस आमदनी पर वह टैक्स की देनदार कब तक होगी. अगर वह इस किराए की आमदनी को अपने सम्मिलित परिवार में दे देना चाहती है तो क्या इस पर टैक्स लगेगा या क्या इस रकम को ट्रांसफर करना कानूनी होगा. इस तरह के कई सवाल लोगों को अक्सर उलझा देते हैं. एक विशेषज्ञ के मुताबिक इस तरह की रकम अपने परिवार को गिफ्ट देने के रूप में शामिल होगी और यह पूरी तरह कानूनी है.
बहू सम्मिलित परिवार का खास हिस्सा
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह संपत्ति को ट्रांसफर किए बगैर संपत्ति से अर्जित आय को ट्रांसफर करने का मामला है. इनकम टैक्स की धारा 60 के अनुसार जो आमदनी संपत्ति को ट्रांसफर किए बिना किसी को दी जाए वह मालिक की अपनी आय होती है. अगर बहू के हाथ में आई रकम रह जाती है तो यह पूरी तरह से टैक्सेबल होगी लेकिन अगर यह रकम हिन्दू सम्मिलित परिवार में ट्रांसफर कर दी जाती है तो यह अपनों को दिय जाने वाले गिफ्ट के रूप में शामिल होगा.
इनकम टैक्स कानून के मुताबिक कोई भी गिफ्ट यदि अपने खास रिश्तेदारों को दिया जाता है तो इसपर इनकम टैक्स की धारा 56(2) के तहत छूट प्रदान है. चूंकि बहू भी सम्मिलित हिन्दू परिवार में खास रिश्तेदार हैं इसलिए अगर वह रेंटल इनकम को अपने रिश्तेदार को देती है तो इसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
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