Workers Report: साल 2021-22 में लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिले हैं. विभिन्न क्षेत्रों को कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले ‘स्टाफिंग’ उद्योग ने 2021-22 में 12.6 लाख कामगारों को जोड़ा है. कामगारों को दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, ई-कॉमर्स और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में रोजगार मिला है. 


रिपोर्ट से मिली जानकारी
इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में अस्थायी या काम के हिसाब से निश्चित अवधि के लिये नियुक्त कर्मचरियों (फ्लेक्सी स्टॉफ) की मांग 3.6 फीसदी बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (FMCG), ई-कॉमर्स, विनिर्माण, स्वास्थ्य, खुदरा, लॉजिस्टिक, बैंक तथा ऊर्जा क्षेत्रों में ‘फ्लेक्सी’ कर्मचारियों की मांग बढ़ी है.


आईटी सेक्टर में बढ़ी कर्मचारियों की मांग
ISF देश में कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले उद्योग का शीर्ष निकाय है. विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाये जाने के साथ नये कर्मचारियों की मांग बढ़ी है. यह संकेत देता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में वित्तीय प्रौद्योगिकी, आईटी-बुनियादी ढांचा, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्रों में कर्मचारियों की मांग होगी.


2.27 लाख कर्मचारियों को जोड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में आईएसएफ की सदस्य कंपनियों ने सामूहिक रूप से संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 2.27 लाख कर्मचारियों को जोड़ा है. साथ ही 12.6 लाख लोगों को अस्थायी तौर पर नौकरी उपलब्ध करायी है.


महिलाओं की भागीदारी 27 फीसदी रही
आईएसएफ के मुताबिक, 2021-22 में अस्थायी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी 27 फीसदी रही. इससे पिछले वित्त वर्ष में भी महिलाओं की भागीदारी इतनी ही थी.


25 से 30 साल के लोगों को मिला रोजगार
इन क्षेत्रों में ज्यादातर रोजगार डिलिवरी सेवाओं में मिला है. ज्यादातर कामगारों की उम्र 25 से 30 साल है और कुल कामगारों में इनकी हिस्सेदारी 40 फीसदी रही है. 


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