पश्चिम एशिया में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच आज 5वें दिन भी युद्ध जारी है. हमास के हमले के बाद शुरू हुए इस युद्ध का फिलहाल कोई समाधान नहीं नजर आ रहा है. इस बीच इजरायल की करेंसी शेकेल को को तगड़ा नुकसान हुआ है और उसकी वैल्यू कई सालों के निचले स्तर पर आ गई है.


इस लेवल पर इजरायल की करेंसी


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को इजरायल की करेंसी शेकेल में 2.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी. वह मार्च 2020 के बाद किसी एक दिन में शेकेल के भाव का सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव है. आज भी शेकेल के भाव पर दबाव बना हुआ है. अभी एक डॉलर के मुकाबले शेकेल की वैल्यू कम होकर 4 के करीब पहुंच गई है. यह 7-8 साल में शेकेल की सबसे कम वैल्यू है.


2016 के बाद सबसे कम वैल्यू


इजरायल की करेंसी शेकेल की वैल्यू में इस साल अब तक 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में इस साल डॉलर के भाव में पहले से तेजी देखी जा रही है. इसके चलते लगभग सारी एशियाई करेंसी 2023 में दबाव में हैं. उसके बाद पश्चिमी एशियाई देश के युद्ध में उतरने से शेकेल की वैल्यू पर असर हुआ है और अब वैल्यू 2016 की शुरुआत के बाद के सबसे निचले स्तर पर है.


इतना बढ़ गया प्रीमियम


रॉयटर्स की मानें तो युद्ध के कारण इजरायल के सॉवरेन बॉन्ड पर भी असर हुआ है. डिफॉल्ट को लेकर देश के सॉवरेन बॉन्ड को इंश्योर करने की लागत काफी बढ़ गई है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस के डेटा के अनुसार, 5-साल के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में 0.93 फीसदी की तेजी देखी गई है. यह बॉन्ड इश्यूअर के डिफॉल्ट करने की स्थिति में बॉन्ड धारक को भुगतान करता है.


इन देशों के बाजारों पर भी असर


इजरायल-फिलिस्तीन के इस युद्ध का असर काफी व्यापक हो रहा है. इजरायल के शेयर बाजार भी इस युद्ध से प्रभावित हुए हैं. उसके अलावा लेबनान, जॉर्डन और मिस्र जैसे पड़ोसी देशों के शेयर बाजार, बॉन्ड बाजार और करेंसी आदि पर भी युद्ध का नकारात्मक असर हुआ है. शेकेल की गिरती वैल्यू को देखते हुए बैंक ऑफ इजरायल ने सोमवार को कहा था कि वह ओपन मार्केट में 30 बिलियन डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा को बेचेगी.


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