इजराइल और फलस्तीन के बीच तेजी से युद्ध बढ़ने और ईरान, लेबलान जैसे देशों के इस वार में शामिल होने की आशंका के कारण भारत में लोगों को और महंगाई का सामना करना पड़ सकता है. गौरतलब है कि रूस और युक्रेन वार की वजह से ग्लोबल स्तर पर गेहूं, चावल और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमत में इजाफा देखा गया था. 


अब इजराइल और फलस्तीन के युद्ध से ग्लोबल कच्चे तेल की आपूर्ति लोगों के घर का बजट बिगाड़ सकती है. इससे जुड़े प्रोडक्ट के दाम में तेज इजाफा होने की आशंका है. पिछले सप्ताह के दौरान कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई थी और इसके दाम में इजाफा हुआ था. शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड 2 डॉलर बढ़कर 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया था. 


अभी और बढ़ सकता है कच्चा तेल


आशंका है कि ईरान भी इस वार में शामिल हो सकता है. ईरान कच्चा तेल का प्रमुख उत्पादक देश है. ऐसे में आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं. ऐसे में कच्चे तेल पर निर्भर प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ सकते हैं. 


किन चीजों के बढ़ सकते हैं दाम 


बिजनेस टूडे के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का मानना है कि युद्ध अगर कुछ और दिनों तक जारी रहता है तो जीवाश्म ईंधन पर निर्भर वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ेंगे. कहा जा रहा है कि स्मार्ट टेलीविजन, वॉशिंग मशीन और अन्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने की संभावना है. 


त्योहारी सीजन में नहीं बढ़ेंगे दाम 


भारतीय मार्केट में त्योहारी सीजन के लिए इन चीजों के स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जिस कारण इनकी कीमतें स्थिर रहेंगी. हालांकि इसके बाद वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. कच्चे माल की सप्लाई प्रभावित होने से प्लास्टिक और अन्य वस्तुओं के दाम में इजाफा हो सकता है. 


डेली यूज की चीजें भी बढ़ सकती हैं


डेली यूज वाली वस्तुओं पर भी युद्ध का असर देखने को मिल सकता है. एफएमसीजी सेक्टर की वस्तुओं के दाम में इजाफा देखने को मिल सकता है. गौरतलब है कि देश में एफएमसीजी कंपनियां पहले से ही कम डिमांड से जूझ रहे हैं. 


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