नई दिल्लीः केयर्न एनर्जी के लिए बुरी खबर है. इनकम टैक्स विभाग ने ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के खिलाफ एक नया नोटिस जारी कर इससे 30,700 करोड़ रुपये का जुर्माना मांगा है. कंपनी से यह जुर्माना उसके द्वारा 10,247 करोड़ रुपये के कथित कैपिटल गेन टैक्स का समय पर भुगतान नहीं करने पर मांगा गया है.


आईटी विभाग के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि आयकर विभाग ने पहले तो 10,247 करोड़ रुपये का नया डिमांड नोटिस भेजा. उसके बाद एक कारण बताओ यानी शोकॉज नोटिस जारी कर पूछा है कि समय पर टैक्स नहीं चुकाने और रिटर्न नहीं फाइल करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए.


उल्लेखनीय है कि इनकम टैक्स अपैलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) ने हाल ही में पुरानी तारीख से टैक्स लगाने को सही ठहराया था. अधिकारियों के अनुसार केयर्न एनर्जी ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय और मांगा है.


एक अधिकारी ने कहा, ‘केयर्न एनर्जी का कैपिटल गेन टैक्स 31 मार्च 2007 को बकाया था, और इसके लिए रिटर्न दिसंबर 2007 तक दाखिल की जानी थी. लेकिन आईटी डिपार्टमेंट द्वारा कंपनी को 24 जनवरी 2014 को टैक्स ड्राफ्ट भेजने के बाद कंपनी ने 31 मार्च 2014 रिटर्न दाखिल किया. अधिकारी के अनुसार यह आकलन जनवरी 2016 में पूरा हुआ और 10,247 करोड़ रुपये टैक्स डिमांड का अंतिम आर्डर जारी किया गया. 10 साल के लिए ब्याज के रूप में 18,800 करोड़ रुपये का एक और नोटिस दिया गया.


अधिकारी ने कहा कि आईटीएटी ने 9 मार्च के अपने आदेश में कहा कि केयर्न एनर्जी को 2006 में भारत में अपने एसेट्स को नई कंपनी केयर्न इंडिया को ट्रंसफर करने पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा. लेकिन चूंकि कर मांग पुराने कर कानूनों के हिसाब से की गई है तो ब्याज नहीं लगाया जा सकता.


अधिकारियों ने कहा कि आईटीएटी ने जुर्माना लगाने पर रोक नहीं लगाई है इसलिए नये नोटिस भेजे गए हैं.