वेतनभोगियों को आयकर विभाग की चेतावनी, रिटर्न में गलत जानकारी पड़ेगा भारी
विभाग ने रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही ही है. विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में आयकर कानून के तहत कार्रवाई तो होगी ही, साथ ही विभिन्न जांच एजेंसियों को भी सौंपा जा सकता है.
नई दिल्ली: आयकर रिटर्न भरने की तैयारी में हैं तो जरा गौर कीजिए. रिटर्न में किसी भी तरह की गलत जानकारी आपको ना केवल जुर्माना भरने के लिए मजबूर करेगी, बल्कि जेल भी पहुंचा सकती है. सरकार के और सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों की मुसीबत तो और भी बढ़ेगी. आयकर विभाग ने इस बाबत ई फाइलिंग की वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी की है.
इसके मुताबिक, कुछ लोग वेतनभोगी कर्मचारियों को कम आमदनी दिखाने और गलत तरीके से ज्यादा कटौती के लिए उकसाते हैं. ये एक चिंता का विषय है. साथ ही ध्यान देने की बात ये है कि ऐसी कोशिश आयकर कानून के तहत जुर्माने और अदालती कार्रवाई को न्यौता दे सकती है. लिहाजा वेतनभोगियों को ऐसी किसी भी कोशिश से बचना चाहिए.
ध्यान रहे कि वित्त वर्ष 2017-18 और असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न के फॉर्म अधिसूचित कर दिए गए हैं. सामान्य परिस्थितियों में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है. 5 लाख से ज्यादा की सालाना आमदनी वालों के लिए ई रिटर्न ही दाखिल करना होता है.
आयकर विभाग का कहना है कि वैसे तो तमाम रिटर्न की पड़ताल बैंगलुरु स्थित सेट्रल प्रोसेसिंग सेंटर यानी सीपीसी में होती है और वहां पर कोई मानवीय दखल नही होता, लेकिन जोखिम वाले रिटर्न की पहले विभाग खुद ही पड़ताल करेगा, उसके बाद उसे सीपीसी भेजा जाएगा. विभाग का साफ तौर पर कहना है कि उनके पास जोखिम को पहचानने के लिए मजबूत व्यवस्था मौजूद है और इसके जरिए ऐसे तमाम रिटर्न की जांच की जा सकती है जिसमें गड़बड़ी की आशंका है. यदि विभाग को किसी भी तरह की धोखाधड़ी का पता चलता है तो करदाता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही अगर कोई रिफंड बनता है तो ऐसे करदाताओं को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.
विभाग ने करदाताओं को आगाह किया है कि वो किसी के भी बहकावे में आकर अपने रिटर्न में गलत जानकारी ना दें. इस तरह की कोई भी कोशिश कर चोरी मानी जाएगी. विभाग का ये भी कहना है कि अगर ऐसा कोई करदाता सरकारी कर्मचारी है या फिर सरकारी कंपनी में काम करता है तो उसके मामले को संबंधित सतर्कता विभाग को सौंपा जाएगा ताकि सेवा शर्तों के तहत कार्रवाई की जा सके.
विभाग ने रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही ही है. विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में आयकर कानून के तहत कार्रवाई तो होगी ही, साथ ही विभिन्न जांच एजेंसियों को भी सौंपा जा सकता है.