महंगी होती स्वास्थ्य सेवाओं के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस करवाना बेहद जरूरी है. ताकि परिवार के किसी शख्स के बीमार पड़ने पर आप पर आर्थिक दवाब न पड़ जाए. कोरोना संकट के बाद तो विशेष रूप से लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस करवानी शुरू कर दी हैं.


हेल्थ इंश्योरेंस बहुत सोच-समझ कर चुननी चाहिए. पहली बार मेडिकल इंश्योरेंस खरीदने वाले लोग इससे जुड़ी विभिन्न शब्दों के बारे में नहीं जानते जिसकी वजह से उन्हें एक अच्छा विक्लप चुनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.


हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े ऐसे ही कुछ शब्दों के बारे में हम आपको बता रहे हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है.


'वेटिंग पीरियड'




  • इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने का यह मतलब नहीं होता कि हर बीमारी के लिए आपको पहले दिन से कवरेज मिलने लगे.

  • आपको क्लेम करने के लिए एक खास अवधि के लिए वेटिंग पीरियड सर्व करना होता है.

  • अलग-अलग पॉलिसी एवं बीमारियों के अलग-अलग वेटिंग पीरियड हो सकता है.

  • उदाहरण के लिए किसी मेडिकल पॉलिसी में पहले दिन से कोविड-19 का कवर ना मिले लेकिन एक्सीडेंट के लिए यह कवर पहले दिन मिले.


'प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज'




  • अगर आप कोई मेडिकल इंश्योरेंस ले रहे हैं और आपको पहले से कोई बीमारी है तो याद रखें कि 'प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज' का कवर आपको कुछ शर्तों के साथ मिलता है.

  • आपने अगर कोई पॉलिसी दिसंबर, 2020 में खरीदी तो 2018 के दिसंबर महीने से अब तक आपको हुई किसी भी बीमारी, जख्म को 'प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज' की श्रेणी में रखी जाएंगीं.

  • इसका मतलब यह नहीं है कि बीमा कंपनी किसी भी प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज को कवर नहीं करती है लेकिन आमतौर पर इसके लिए एक वेटिंग पीरियड तय होता है.

  • बीमा कंपनिया हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, डाइबिटीज और अस्थमा जैसी पहले से मौजूद बीमारियों को एक वेटिंग पीरियड के बाद कवर करती हैं. एचआईवी या कैंसर जैसी बीमारियों को हमेशा के लिए इस लिस्ट से बाहर किया जा सकता है.

  • आप चाहते हैं कि पहले दिन से आपको प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज का कवर मिले तो इसके लिए आपको सामान्य से ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है.

  • पॉलिसी खरीदते समय आपको कभी पहले की मेडिकल हिस्ट्री नहीं छिपानी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.



ग्रेस पीरियड




  • मेडिकल इंश्योरेंस को रिन्यू कराना होता है. अगर आपकी कोई हेल्थ पॉलिसी 31 दिसंबर को एक्सपायर हो रही है और आप उस पॉलिसी को समय पर रिन्यू नहीं करा पाते हैं तो आपको एक ग्रेस पीरियड मिलता है.

  • ग्रेस पीरियड के दौरान भुगतान करने पर आपको पॉलिसी में पहले से चल रहे लाभ मिलते रहते हैं.

  • ग्रेस पीरियड भुगतान के प्लान के मुताबिक  अलग-अलग होता है. वार्षिक भुगतान के लिए यह आम तौर पर एक माह होता है. वहीं, मासिक भुगतान के लिए यह 15 दिन होता है.

  • यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि जिस अवधि का प्रीमियम भुगतान नहीं हुआ होता है, उस दौरान आपको किसी तरह का क्लेम नहीं मिलता है.


राइडर
आपके बेसिक इंश्योरेंस प्लान के तहत मिल रही सुविधाओं को बढ़वाने के लिए आप कोई राइडर चुन सकते हैं जैसे मैटरनिटी से जुड़ा राइडर.


को-पेमेंट
को-पेमेंट या को-पे का मतलब होता है कि पॉलिसीहोल्डर को क्लेम के एक हिस्से का भुगतान करना होता है. को-पे आम तौर पर सम इंश्योर्ड के 10 फीसद के बराबर होता है लेकिन अलग-अलग कंपनी के लिए यह अलग-अलग होता है.


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