क्रेडिट स्कोर और सिबिल रिपोर्ट में अंतर को समझना है जरूरी, लोन और क्रेडिट कार्ड लेने में इनकी है अहम भूमिका
क्रेडिट स्कोर और सिबिल रिपोर्ट का अर्थ ज्यादातर लोग ठीक से नहीं जानते और न हीं उन्हें यह पता होता है कि इन दोनों में अंतर क्या है. जबकि लोन या क्रेडिट कार्ड में लेने में इनका रोल अहम होता है.
![क्रेडिट स्कोर और सिबिल रिपोर्ट में अंतर को समझना है जरूरी, लोन और क्रेडिट कार्ड लेने में इनकी है अहम भूमिका It is important to understand the difference between credit score and CIBIL report, they have an important role in taking loans and credit cards. क्रेडिट स्कोर और सिबिल रिपोर्ट में अंतर को समझना है जरूरी, लोन और क्रेडिट कार्ड लेने में इनकी है अहम भूमिका](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/02/17224343/credit-score.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
आप जब भी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो कर्जदाता है आपकी सिबिल रिपोर्ट और आपका सिबिल/क्रेडिट स्कोर जरूर देखता है. हालांकि ज्यादातर लोग इनका ठीक से अर्थ नहीं जानते और न हीं उन्हें यह पता होता है कि इन दोनों में अंतर क्या है.
भारत में चार क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां- क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और CRIF हाईमार्क काम करती हैं.
ये कंपनियों लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड को इक्ट्ठा करती हैं और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/क्रेडिट स्कोर जेनरेट करती हैं. इन चारों कंपनियों को इस काम लाइसेंस हासिल होता है.
केडिट या सिबिल स्कोर
- लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया में क्रेडिट या सिबिल स्कोर की भूमिका बहुत अहम है.
- सिबिल स्कोर किसी शख्स की कर्ज अदा करने की साख को आंकने का पैमाना है. यह तीन अंकों का होता है.
कितना CIBIL स्कोर माना जाता है अच्छा
- CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है.
- 300-579 तक का सिबिल स्कोर खराब माना जाता है.
- 580-669 तक का संतोषजनक होता है.
- 670-739 तक का अच्छा माना जाता है.
- 740-799 तक का बहुत अच्छा होता है.
- 800-850 तक का स्कोर सर्वोत्तम होता है.
सिबिल स्कोर का महत्व
- सिबिल स्कोर कम होने पर लोन मिलने की संभावना बहुत कम होती है. कर्जदाता आवेदन रिजेक्ट भी कर सकता है.
- सिबिल स्कोर ज्यादा होने पर कर्जदाता आवेदन और उसकी डिटेल देखने के बाद तय करेगा कि आवेदक को लोन दिया जाए या नहीं
- सिबिल किसी अपने आप में यह तय नहीं करता है कि ऋण/क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति दी जानी चाहिए या नहीं.
सिबिल रिपोर्ट
- किसी व्यक्ति के क्रेडिट पेमेंट की हिस्ट्री ही सिबिल रिपोर्ट होती है.
- सिबिल रिपोर्ट में इस बात की डिटेल होती है कि एक व्यक्ति एक निश्चित अवधि में अपने कर्जों को कैसे चुकाता है.
- व्यक्ति के दिवालिया होने या देर से कर्ज चुकाने की डिटेल भी रिपोर्ट में रहती है.
और क्या बताती है सिबिल रिपोर्ट
- व्यक्ति ने कब-कब लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया.
- व्यक्ति को किस-किस बैंक/वित्तीय संस्थान से लोन या क्रेडिट कार्ड मिला.
- लोन या क्रेडिट कार्ड EMI और बिल का भुगतान समय पर किया या नहीं.
- किन बैंकों/NBFC ने व्यक्ति क्रेडिट रिपोर्ट की जांच की.
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