IT Raid on Co-operative Bank: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने कर्नाटक के कुछ बैंकों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,000 करोड़ रुपये के फर्जी खर्च का खुलासा किया है. इनकम टैक्स विभाग ने यह छापे कर्नाटक के सहकारी बैंकों (IT Raid on Cooperative Banks) पर डाले हैं. इस छापे में आईटी विभाग ने कथित अनियमितताओं का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अगले महीने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव (Karnataka Elections 2023)  भी होने वाले हैं और वहां तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.


सहकारी बैंक कर रहे थे टैक्स की चोरी


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस छापेमारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई कोऑपरेटिव बैंकों (Cooperative Banks) के 16 परिसरों में अपनी जांच पड़ताल की है. यह जांच 31 मार्च, 2023 को शुरू की गई. आयकर विभाग को संदेह था कि यह बैंक अपने ग्राहकों के अलग-अलग बिजनेस के पैसों को इधर-उधर कर रहे हैं जिससे उनकी टैक्स की देनदारियों को बचाया (Tax) जा सके. इस तलाश के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 3.3 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी और 2 करोड़ से ज्यादा की ज्वैलरी भी जब्त की है.


बैंकों ने केवाईसी के नियमों का नहीं किया पालन


सीबीडीटी (CBDT), इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार मिले सबूतों से यह पता चलता है कि सहकारी बैंक अलग-अलग फर्जी संस्थानों के नाम से अपने ग्राहकों जैसे रियल एस्टेट कंपनियां, ठेकेदार आदि से जुड़े लोगों के पैसों को बिना केवाईसी (KYC Process) की पूरी प्रक्रिया किए ही पैसों का लेन देन कर रहे थे. अपनी जांच में आईटी डिपार्टमेंट ने पाया है कि सहकारी बैंक के इन खातों में जमा रकम को बाद में खाते से निकाल लिया गया. इसके लिए बैंक ने ग्राहकों के पैसों के असली स्त्रोत को छुपाने की कोशिश की है. ध्यान देने वाली बात ये है कि आरबीआई के नियमों के अनुसार सभी ग्राहकों का केवाईसी पूरा करना बैंकों की जिम्मेदारी है. 


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