Moonlighting In India: जब से विप्रो (Wipro) के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी (Rishad Premji) ने आईटी सेक्टर में मूनलाइटिंग प्रैक्टिस (Moonlighting  Practice) को धोखाधड़ी करार देने वाला ट्वीट किया है तब से इस मु्द्दे पर देश में बहस छिड़ गई है. आईटी सेक्टर के दिग्गजों में ही कर्मचारियों के  मूनलाइटिंग प्रैक्टिस को लेकर विरोधाभास है. ऋषद प्रेमजी इसे धोखाधड़ी करार दे रहे हैं तो टेक महिंद्रा के सीईओ और एमडी सी पी गुरनानी ने एक कहा कि उनकी कंपनी के कर्मचारी अगर मूनलाइटिंग करते हैं तो उन्हें एतराज नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी कंपनी इसे लेकर पॉलिसी भी ला सकती है लेकिन कर्मचारियों को इसका खुलासा करना होगा. 


मूनलाइटिंग को लेकर अलग-अलग विचार
एक मीडिया समूह के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर कोई हमारी उम्मीदों पर खरा उतर रहा है प्रोडक्टिविटी मानकों को पूरा कर रहा है,  कंपनी के मूल्यों के खिलाफ बगैर कोई फ्रॉड किए कुछ एक्स्ट्रा पैसा कमाना चाहता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं होगी. हम इसे लेकर पॉलिसी बना सकते हैं. अगर कोई ऐसा करना चाहता है तो उसे मुबारक लेकिन इसका ( मूनलाइटिंग) खुलासा करना होगा.  हाल ही में इंफोसिस के पूर्व डायरेक्टर मोहनदास पाई ने भी कहा है कि मूनलाइटिंग में कुछ भी बुराई नहीं है. 


क्‍या है मूनलाइटिंग
मूनलाइटिंग का कॉन्‍सेप्‍ट कोई नया नहीं है. लेकिन कोरोनाकाल के दौरान वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ने के बाद ये बढ़ा है. मूनलाइटिंग का मतलब है कि एक कंपनी में नौकरी करते हुए चोरी-छुपे दूसरी जगह भी नौकरी करते रहना. आईटी सेक्‍टर वर्क फ्रॉम होम चल रहा है. ऐसे में  इन दिनों आईटी सेक्टर के कर्मचारी एक कंपनी के अलावा दूसरी जगह काम करके अतिरिक्‍त कमाई कर रहे हैं.  ऋषद प्रेमजी जैसे लोगों का मानना है कि इससे कर्मचारियों के उत्पादक क्षमता पर असर पड़ रहा है. इन दिनों सोशल मीडिया पर मूनलाइटिंग को लेकर लगातार वाद विवाद चल रहा है.  


Swiggy ने दी मूनलाइटिंग की इजाजत 
दरअसल हाल ही में फूड डिलिवरी एप कंपनी Swiggy ने अपने कर्मचारियों के लिए नया पॉलिसी तैयार किया है. Swiggy मूनलाइटिंग पॉलिसी लेकर आई है. जिसमें कंपनी ने अपने कर्मचारियों को कुछ शर्तों के साथ मूनलाइटिंग करने यानि साथ में दूसरे जगह भी नौकरी करने की इजाजत दे दी है. शर्त ये है कि प्रोडक्टिविटी पर असर ना पड़े और कंपनी के हितों को इससे कोई नुकसान ना पहुंचे. 


मूनलाइटिंग पर आपत्ति क्यों? 
कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि कंपनियां इन दिनों मूनलाइटिंग, बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ने को लेकर हो हल्ला मचा रही हैं ये दोहरा मापदंड है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैरियर एडवाइजिंग फर्म Pivot के फाउंडर अर्जुन प्रकाश का मानना है कि, जब कोई कंपनी कर्मचारियों को हायर फायर कर सकती है, वेतन में कटौती कर सकती है, पेमेंट में देरी कर सकती है तब अगर कोई कर्मचारी अलग से पैसे बनाने के लिए कोई काम करता है तो उन्हें इस बात पर आपत्ति क्यों है? 


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