आईटी सेक्टर में इन दिनों सुस्ती का समय चल रहा है. इससे न सिर्फ घरेलू आईटी कंपनियां, बल्कि वैश्विक आईटी कंपनियां भी परेशान हो रही हैं. इसका पता आईटी सेक्टर की कंपनियों की हायरिंग के आंकड़ों से चल रहा है.


हायरिंग में आई ऐसी कमी


दुनिया की दो सबसे बड़ी आईटी कंपनियों कॉग्निजेंट और केपजेमिनी में भर्ती की रफ्तार कम हुई है. दोनों आईटी कंपनियों कॉग्निजेंट और केपजेमिनी के नए कर्मचारियों की सम्मिलित संख्या में पिछले साल डेढ़ लाख से ज्यादा की गिरावट आई है. दोनों कंपनियों ने 2022 की तुलना में साल 2023 में 1 लाख 51 हजार 607 कम कर्मचारियों की हायरिंग की है.


कॉग्निजेंट और केपजेमिनी के आंकड़े


साल 2022 में अमेरिकी आईटी कंपनी कॉग्निजेंट ने दुनिया भर में 1 लाख 32 हजार कर्मचारियों की हायरिंग की थी. वहीं फ्रांसीसी आईटी कंपनी केपजेमनी ने 2022 में 1 लाख 40 हजार 789 कर्मचारियों की हायरिंग की थी. 2023 की बात करें तो दोनों बड़ी कंपनियों की हायरिंग क्रमश: 60 हजार और 61 हजार 182 रह गई है. यानी पिछले साल कॉग्निजेंट ने 72 हजार और केपजेमिनी ने 79 हजार 607 लोगों की कम हायरिंग की है.


तिमाही परिणाम में मिली जानकारी


इन निराशाजनक आंकड़ों की जानकारी कंपनियों के तिमाही परिणाम में सामने आई है. ये आंकड़े बताते हैं कि आईटी सेक्टर को दुनिया भर में अभी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. चुनौतियों के चलते आईटी कंपनियां लागत को कम करने के प्रयासों में लगी है और इसका पहला असर हायरिंग पर हुआ है.


घरेलू आईटी कंपनियों का हाल


इससे पहले घरेलू आईटी कंपनियों के तिमाही परिणाम में भी ऐसे ही आंकड़े सामने आए थे. घरेलू आईटी कंपनियों में नंबर-1 टीसीएस समेत इंफोसिस, विप्रो जैसी शीर्ष कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है. तीनों टॉप घरेलू आईटी कंपनियों के कर्मचारियों की कुल संख्या में पिछले साल 70 हजार की गिरावट आई है. इससे पता चलता है कि इन कंपनियों में जितने कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, नौकरी से हटाए जा रहे हैं या नौकरी छोड़कर जा रहे हैं, उनकी तुलना में काफी कम हायरिंग की जा रही है.


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