नई दिल्लीः आज का सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो पुराने दिन कब लौटेंगे जब एटीएम से लोग बिना लाइन में लगे अपने पैसे निकाल सकेंगे. एबीपी न्यूज लगातार आपको ये बता रहा है कि स्थिति को सामान्य होने में कितना वक्त लगेगा. दरअसल बाजार में 500 के नोट पर्याप्त मात्रा में पहुंचेगा तभी हालात सामान्य होंगे. आज इंडिया स्पेंड वेबसाइट ने भी हिसाब लगाकर बताया है कि जरूरत लायक नोट छापने में जुलाई तक का वक्त लग सकता है. वेबसाइट इंडिया स्पैंड का अनुमान है कि 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद 50 दिन में हालात सामान्य नहीं हो पाएंगे और अप्रैल तक अंतरिम और जुलाई तक पूरी राहत मिलने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री मोदी ने हालात सामान्य होने के लिए 50 दिन की मोहलत मांगी थी उसमें अब सिर्फ 14 दिन बाकी हैं. सबके मन में यही सवाल है कि क्या नए साल मे नए नोटों की किल्लत खत्म होगी. आंकड़ों के आधार पर काम करने वाली इंडिया स्पेंड वेबसाइट का अनुमान है कि अगर सरकार जनता के हाथों में 9 लाख करोड़ रुपये भी देना चाहती है तब भी मई तक का वक्त लगेगा जबकि 14 लाख करोड़ तक पहुंचने में जुलाई बीत सकता है. कैसे? इसका हिसाब बताया गया है. दरअसल मुश्किल की जड़ में 500 के नोट हैं जो अब भी छपकर कम आ रहे हैं.
आरबीआई और सरकार की चार प्रेस हैं - मध्य प्रदेश का देवास, महाराष्ट्र का नासिक, पश्चिम बंगाल का शालबनी और कर्नाटक की मैसूर प्रेस. इन चारों प्रेस की क्षमता सालाना 2670 करोड़ नोट छापने की है. औसतन 7 करोड़ 40 लाख रोजाना. अगर प्रेस तीन शिफ्ट में काम करती हैं तो 11 करोड़ 10 लाख नोट रोजाना छपेंगे. हालांकि आधे से भी कम प्रेस में ही नोटों पर सिक्योरिटी फीचर छापने की क्षमता है. इसका मतलब ये है कि अगर चारों प्रेस में सिर्फ 500 के नोट भी छपें तब भी ज्यादा से ज्यादा 5 करोड़ 56 लाख नोट ही रोज छप पाएंगे. इसका मतलब हुआ 2 हजार 778 करोड़ रुपये के नए 500 के नोट रोजाना छप सकते हैं
इंडिया स्पैंड के मुताबिक नोटबंदी के एलान से पहले ही 2000 के नए गुलाबी 200 करोड़ नोट छापे गए थे. यानी 4 लाख करोड़ रुपये के नोट पहले ही छप चुके थे जो 8 नवंबर के बाद बाजार में आ गए. वेबसाइट का मानना है कि बाजार में सभी नोटों का अनुपात सही रहे इसलिए 2 हजार के नोट आधे से ज्यादा नहीं होने चाहिए. अगर मान लिया जाए कि आधे 2 हजार के नोट हैं और पहले से 2 लाख 19 हजार करोड़ के 100 या उनसे छोटे नोट हैं तो 500 के और कितने नोटों की जरूरत पड़ेगी ताकि हालात सामान्य हो सके?
इसका इंडिया स्पैंड ने हिसाब लगाया है कि अगर हालात सामान्य होने के लिए 14 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है और पहले से 2 लाख 19 हजार करोड़ रुपये के 100 या छोटे नोट मौजूद हैं तो अभी 5 लाख 90 हजार करोड़ के 500 के नोट चाहिए. यानी 1181 करोड़ नोट की जरूरत है
चूंकि ज्यादा से ज्यादा रोजाना 5 करोड़ 56 लाख नोट छप सकते हैं ऐसे में 1181 करोड़ 500 के नोट छपने में 212 दिन लगेंगे. यानी 8 जुलाई 2017 तक टार्गेट पूरा होगा और बैंकों तक 15 जुलाई तक ही सारे नोट पहुंच पाएंगे.