ITR Filing: टैक्सपेयर्स जो पुराने इनकम टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं अगर उन्होंने आईटआर फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 तक रिटर्न नहीं भरा तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.  1 अगस्त 2024 से ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न भरने का विकल्प मौजूद नहीं रहेगा. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम में डिडक्शन और टैक्स छूट क्लेम करने का लाभ टैक्सपेयर्स नहीं उठा सकेंगे जिसके चलते उन्हें नए इनकम टैक्स रिजीम में आयकर रिटर्न भरने पर मोटा टैक्स चुकाना पड़ेगा. 


ITR भरने के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम का लाभ 31 जुलाई तक! 


इनकम टैक्स कानून के तहत नया टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट रिजीम बन चुका है. टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम के विकल्प को चुनने का विकल्प केवल 31 जुलाई, 2024 तक है. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न भरने वालों के लिए 31 जुलाई, 2024 रिटर्न भरने की आखिरी तारीख है. 


बढ़ेगा टैक्स का बोझ, नहीं मिलेगा डिडक्शन का लाभ 


टैक्सपेयर्स अगर डेडलाइन के खत्म होने से पहले ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो एक अगस्त 2024 के बाद उन्हें नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा जिसमें डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत उन्हें ज्यादा टैक्स का भुगतान करना होगा. एक अगस्त के बाद आयकर रिटर्न भरने पर आईटीआर फाइलिंग नए टैक्स रिजीम में भरने के साथ टैक्सपेयर्स को 5000 रुपये का पेनल्टी भी देना होगा.    


ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलता है डिडक्शन का लाभ


ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश और बचत करने पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. साथ ही टैक्सपेयर्स होम लोन पर 2 लाख रुपये तक सालाना ब्याज के भुगतान पर आय से कटौती का लाभ ले सकते हैं. साथ ही 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस के 25000 रुपये प्रीमियम के भुगतान डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. ये तीनों ही डिडक्शन का लाभ नए इनकम टैक्स रिजीम में नहीं मिलता है. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न नहीं भरने पर डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा. 


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