ITR Filing: आयकर रिटर्न भरने समय क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले सही आय करें घोषित, वर्ना बढ़ सकती है मुश्किलें
Income Tax Return: इस वर्ष से आयकर रिटर्न भरने के दौरान क्रिप्टोकरेंसी या नॉन फंजीबल टोकन में निवेश से होने वाले मुनाफे को टैक्सपेयर्स के लिए घोषित करना बेहद जरुरी है.
ITR Filing: क्या वित्त वर्ष 2022-23 में आपने क्रिप्टोकरेंसी या नॉन फंजीबल टोकन जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट में निवेश कर मुनाफा बनाया है? तो याद रखिए आयकर रिटर्न भरने के दौरान इसी जानकारी टैक्स विभाग को देना बेहद जरुरी है. और ये जरुरी है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट में हुए सही आय को आप घोषित करें साथ ही मुनाफे पर टैक्स का भुगतान करें. वर्ना आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स विभाग ने नए आईटीआर फॉर्म 2, आईटीआर फॉर्म 3, आईटीआर फॉर्म 5, 6 और आईटीआर फॉर्म संख्या 7 में शेड्यूल वीडीए यानि वर्चुअल डिजिटल एसेट को शामिल किया है. आयकर रिटर्न भरने के दौरान क्रिप्टोकरेंसी या नॉन फंजीबल टोकन में निवेश से होने वाले मुनाफे को टैक्सपेयर्स को घोषित करना होगा.
टैक्सपेयर्स याद रखें क्रिप्टोकरेंसी या फिर नॉन फंजीबल टोकन से होने वाले मुनाफे की पूरी जानकारी टैक्स विभाग के पास है. वर्चुअल डिजिटल एसेट एक्सचेंज सभी जानकारी टैक्स विभाग को उपलब्ध कराते हैं. आप इस जानकारी को आयकर रिटर्न फाइलिंग वेबसाइट के एआईएस (AIS) में टैक्स इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (TIS) में जाकर देख सकते हैं.
टैक्सपेयर्स को बताना होगा कि वीडीए एसेट से होने वाले को आय को बिजनेस इनकम में दिखाना है या कैपिटल गेन के तौर पर. इस एसेट से होने वाले इनकम को रिपोर्ट करना होगा. आपके द्वारा घोषित इनकम में कोई चूक ना रह जाए इसके लिए टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट यानि फॉर्म 26 एएस को जरुर एक बार देख लें. इसके अलावा आयकर रिटर्न भरने के दौरान एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट को जरुर देख लें. 194एस के तहत टैक्स कटौती यानि टीडीएस की पूरी जानकारी उपलब्ध होती है.
दरअसल वित्त वर्ष 2022-23 में एक अप्रैल से वर्चुअल डिजिटल एसेट से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया गया था. साथ ही एक जुलाई 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट के हर ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस लगा दिया गया था जिससे ऐसे निवेशकों का पता लगाया जा सके जो क्रिप्टोकरेंसी या फिर नॉन फंजीबल टोकन में निवेश करते हैं.
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