ITR Filing: वित्त वर्ष 2023-24 और असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया चल रही है. हर साल की तरह इस साल भी ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है तो पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर रहे हैं. पहली बार आईटीआर फाइल करने वाले लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इससे गलती की संभावना बहुत कम हो जाती है. इसमें टैक्सेबल इनकम की गणना से लेकर सही आईटीआर फॉर्म चुनने जैसी जरूरी बातें शामिल है.


पहली बार आईटीआर फाइल करते वक्त इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी-


1. टैक्सेबल इनकम का सही कैल्कुलेशन है जरूरी-


पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी  ग्रॉस सैलरी कितनी है. इसमें आपके वेतन के साथ ही अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई को भी शामिल करें.


2. नए टैक्स रिजीम vs पुरानी टैक्स रिजीम


पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो नई टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम में से किसी एक के चुनाव से पहले की एक्सपर्ट की सलाह लें. दोनों के टैक्स बेनिफिट के बारे में सही तरह से जान लें. इसके लिए आप ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर की भी मदद ले सकते हैं. बता दें कि न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट ऑप्शन है. अगर आप दोनों में से किसी भी विकल्प का चुनाव नहीं करते हैं तो आपका रिटर्न नए टैक्स रिजीम के तहत फाइल होगा.


3. फॉर्म-16 आईटीआर फाइलिंग के लिए है जरूरी


हर नौकरीपेशा व्यक्ति की कंपनी (नियोक्ता) 15 जून तक सभी कर्मचारियों के लिए फॉर्म-16 जारी कर देती है. इस फॉर्म में कर्मचारी की ग्रॉस सैलरी के साथ ही टैक्सेबल इनकम, टीडीएस और टैक्स डिडक्शन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज होती है. यह सभी डिटेल्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आवश्यक है.


4. फॉर्म 26AS को रिव्यू करना है जरूरी


पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले लोगों के लिए फॉर्म 26AS की जांच करना भी जरूरी है. इस फॉर्म को आप इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें आपकी इनकम के साथ काटे गए टीडीएस के डिटेल्स भी मौजूद होते हैं. फॉर्म-16 से फॉर्म 26AS का मिलान करना आवश्यक है.


5. एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट की जांच करना है आवश्यक


एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक जरूरी दस्तावेज है. इसके जरिए आपको बैंक एफडी या डिपॉजिट से होने वाली कमाई, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन, फॉरेन रेमिटेंस आदि अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई के बारे में जानकारी मिलती है. इस डॉक्यूमेंट को भी इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.


6. सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव है जरूरी


बता दें कि इनकम टैक्स विभाग ITR-1 से लेकर ITR-4 के बीच चार तरह का आईटीआर फॉर्म जारी करता है. सैलरीड क्लास आईटीआर-1 या आईटीआर-2 फॉर्म का चुनाव कर सकते हैं. जिन सैलरीड क्लास व्यक्तियों की सैलरी 50 लाख रुपये से कम है वह आईटीआर-1 फॉर्म यानी सहज का चुनाव कर सकते हैं. इसके साथ ही आपके पास केवल एक घर, एग्रीकल्चर इनकम 5000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. वहीं जिन लोगों की सैलरी 50 लाख रुपये से अधिक है वह आईटीआर-2 फॉर्म का चुनाव कर सकते हैं. ध्यान रखें कि यह कमाई बिजनेस या प्रोफेशन इनकम नहीं होनी चाहिए.


7. इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत


पैन कार्ड, आधार कार्ड, निवेश के प्रूफ, होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट आदि की जरूरत आईटीआर फाइल करते समय पड़ती है.


8. आईटीआर वेरिफाई करना है आवश्यक


इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे 30 दिनों के भीतर वेरीफाई करना आवश्यक है. इसके लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों में से किसी भी माध्यम को चुन सकते हैं.  


ये भी पढ़ें-


IPO Listing: जीईएम एनवायरो मैनेजमेंट के शेयरों की हुई जबरदस्त लिस्टिंग, निवेशकों को मिला 90 फीसदी का मुनाफा