Form 16: वित्त वर्ष 2023-24 और असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बिना पेनाल्टी के आप 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं. नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 होना आवश्यक है. फॉर्म 16 एंप्लायर यानी नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है. इसके जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाता है.
15 जून तक फॉर्म 16 जारी करना है जरूरी
कंपनी द्वारा जारी किए जाने वाले फॉर्म-16 में करदाताओं की ग्रॉस इनकम के साथ-साथ, नेट इनकम, इनकम से काटे गए टीडीएस के बारे में जानकारी दर्ज होती है. ऐसे में इस फॉर्म के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना बेहद आसान हो जाता है. आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक हर कंपनी को अपने कर्मचारियों को 15 जून 2024 तक फॉर्म-16 जारी कर देना आवश्यक है. ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी कर दिया है. फॉर्म-16 में कुल दो पार्ट होते हैं. पार्ट A में तिमाही के आधार पर इनकम पर काटे गए टैक्स की जानकारी दर्ज होती है. ध्यान रखें कि कंपनी ने आपको फॉर्म-16 के दोनों पार्ट जारी किया हो. इसके साथ ही दोनों हिस्सों में TRACES लोगो लगा होना चाहिए जिससे उसकी प्रामाणिकता सुनिश्चित हो पाती है.
वहीं पार्ट बी में उस वित्त वर्ष में टैक्सपेयर को कंपनी द्वारा मिली कुल सैलरी का लेखा जोखा होता है. इसके साथ ही इसमें डिडक्शन और छूट की जानकारी भी दर्ज होती है. इसके बाद आप यहां से नेट सैलरी का कैलकुलेशन करके अपनी टैक्स देनदारी को कैलकुलेट कर सकते हैं.
फॉर्म 16 का फॉर्म 26 एएस से करें मिलान
अगर आपको कंपनी द्वारा फॉर्म-16 जारी कर दिया गया है तो सबसे पहले इसका फॉर्म 26AS से मिलान करना आवश्यक है. अगर दोनों में दिए गए आंकड़ों में कुछ फर्क है तो आप इसकी जानकारी अपनी कंपनी को दें. इसके बाद नियोक्ता टीडीएस डेटा की जांच करके उसे ठीक करेगा. ऐसा न करने पर आपको बाद में इनकम टैक्स नोटिस भी मिल सकता है. फॉर्म 16 का फॉर्म 26 एएस की जानकारी मैच होने पर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
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