(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Income Tax: 2022-23 में 10.09 करोड़ पैन कार्ड धारक ने दिया इनकम टैक्स, पर केवल 7.76 करोड़ ने दाखिल किया आईटीआर
Income Tax Return Filing: एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2023 है. पर अब आईटीआर भरने के लिए पेनल्टी देना होगा.
Income Tax Return: सरकार को टैक्स का भुगतान करने वालों की संख्या 10 करोड़ के पार जा पहुंची है. वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 10.09 पैन कार्ड धारक ने इनकम टैक्स का भुगतान किया है. हालांकि एसेसटमेंट ईयर 2023-24 के लिए 2 दिसंबर 2023 तक कुल 7.76 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आयकर रिटर्न दाखिल है. वैसे वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2023 जो पेनल्टी भरकर टैक्सपेयर्स दाखिल कर सकते हैं. ये जानकारी वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी ने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में दी है.
2022-23 में 10.9 करोड़ ने दिया टैक्स
राज्यसभा में देश में टैक्स देने वालों की संख्या को लेकर वित्त मंत्री से सवाल किया गया है तो वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि एसेसमेंट ईयर 2018-19 में देश में टैक्सपेयर्स की संख्या 8,45,21,487 थी जो 2019-20 में बढ़कर 8,98,27,420, एसेसमेंट ईयर 2020-21 में घटकर 8,22,83,407, एसेसमेंट ईयर 2021-22 में 8,70,11,926 और एसेसमेंट ईयर 2022-23 में 9,37,76,869 हो गई है. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 10.09 करोड़ टैक्सपेयर्स ने सरकार को टैक्स का भुगतान किया है.
31 दिसंबर तक दाखिल करें ITR
आपको बता दें टैक्सपेयर्स वो व्यक्ति है जिससे एसेसमेंट ईयर के दौरान इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है या फिर वित्त वर्ष के दौरान टैक्स का भुगतान किया हो चाहे भले ही उसने टैक्सपेयर ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है. एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए वैसे बगैर पेनल्टी के आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 थी. लेकिन पेनल्टी देकर आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2023 है.
ITR भरने पर देना होगा पेनल्टी
कोई भी टैक्सपेयर जिसने आयकर रिटर्न अबतक दाखिल नहीं किया है वो 31 दिसंबर 2023 तक 5000 रुपये की पेनल्टी देकर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकता है. पर जिस भी टैक्सपेयर्स की टैक्सबेल इनकम 5 लाख रुपये से सम है उसे केवल 1,000 रुपये पेनल्टी भरना होगा. साथ ही देरी ये आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे टैक्सपेयर्स पर कोई टैक्स बनता है तो उसे टैक्स पर ब्याज भी चुकाना होगा.
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