Richest Women in History: भारत में मुगलों काफी बड़ा सल्तनत रहा है, जिस दौरान कई राजा-महाराजा हुए और शासन की बागडोर संभाली. मुगल काल के दौरान इनके पास अरबो की संपत्ति के साथ ही सोने-चांदी और हीरे-मोती से खजाना भरा हुआ था. वहीं मुगल सल्तनत के दौरान महिलाओं के पास भी कई अधिकारी थे, जिसमें से कुछ को व्यापार करने की भी अनुमति थी और सलाह देने की भी. ऐसे में महिलाओं के पास भी कई खूब सारा पैसा था.
कौन थी मुगल सामाज्य की सबसे अमीर शहजादी
मुगल सल्तनत और उस समय दुनिया की सबसे अमीर शहजादी शाहजहां की बेटी जहांआरा थीं, जिनके पास कई राज्य और शहर के साथ बेशुमार दौलत और सोने-चांदी, हीरे से खजाने भरे हुए थे और हो भी क्यों नहीं, क्योंकि इनके पिता शाहजहां भारत के सबसे अमीर शख्स थे. किताब ‘डॉटर ऑफ द सन’ की लेखिका और मशहूर इतिहासकार एरा मखोती का कहना है कि जहांआरा कितनी अमीर थीं, इतिहास में अलग-अलग तरीके से इसका जिक्र किया गया है.
पिता के मौत के बाद आधे हिस्से की बनी मालकिन
शाहजहां की मौत के बाद उनकी संपत्ति का आधार हिस्सा जहांआरा को दिया गया था. बाकी का आधार हिस्सा सभी बेटों को बांट दिया गया था. जहांआरा के पास कई रियासतें और जागीरें थीं. पिता के मौत के बाद मुगल काल का उच्च पद दिया गया है और इन्हे पादशाह बेगम बनाया गया. बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस दिन जहांआरा को ये उपाधि दी गई उस दिन उन्हें एक लाख अशर्फियां दी गईं. साथ ही उन्हें चार लाख रुपये सालाना ग्रांट के तौर पर दिए जाते थे.
रियासत का दायरा भी बढ़ा
रकम के साथ ही जहांआरा की रियासत भी बढ़ी. बाछोल, सफापुर, अछल, फरजहरा, दोहारा और पानीपत का परगना उनकी रियासत में जोड़ दिया गया. इसके अलावा, उन्हें कई बाग भी दिए गए थे. इसके अलावा, उन्हें सूरत शहर का अधिकारी भी दिया गया था. यहां से अंग्रेजों के साथ व्यापार किया जाता था.
गरीबों के लिए खुले खजाने
एक बार जब जहांआरा आग से झुलस गई थीं, तब हालात इतनी गंभीर हो गई कि आठ महीने तक ये बिस्तर पर रहीं. एक लंबे समय के बाद जब वह स्वस्थ्य हुईं तो बादशाह इतने खुश हुए कि अपने खजाने के दरवाजे खोल दिए. गरीबों को रोजाना पैसे बांटे गए. बड़ी संख्या में कैदियों को रिहा किया गया. जिस वैद्य ने शहजादी का इलाज किया था, उसे मालामाल कर दिया गया.
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