नई दिल्लीः जेपी ग्रुप (बिल्डर) के घर खरीदकर परेशानी में फंसे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है. मकान खरीदारों के साथ कानूनी विवादों में उलझे जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 125 करोड रुपये उच्चतम न्यायालय में जमा करा दिये हैं. इस कंपनी को 25 जनवरी तक यह रकम जमा करानी थी.


सूत्रों ने बताया कि जेपी एसोसिएट ने परेशानहाल मकान खरीदारों के हितों की रक्ष्रा के लिये उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इसकी रजिस्ट्री में अभी तक 425 करोड रुपये जमा कराये थे और उसे बाकी बचे 125 करोड रुपये कल तक जमा कराने थे. जेपी एसोसिएट लिमिटेड को न्यायालय के निर्देशानुसार इसकी रजिस्ट्री में 550 करोड रुपये जमा कराने थे.


चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस कंपनी को किस्तों में रजिस्ट्री में 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था.


शीर्ष अदालत ने दस जनवरी को इस फर्म को देश में उसके रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट्स का खाका पेश करने का निर्देश देते हुये कहा था कि मकान खरीदारों को उनके मकान मिलने चाहिए और नहीं तो उनका पैसा लौटाया जाना चाहिए.


इस फर्म को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही करने के लिये आईडीबीआई बैंक की याचिका नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल ने पिछले साल दस अगस्त को विचारार्थ स्वीकार कर ली थी. इसके बाद सैकड़ों मकान खरीदार संकट में आ गये थे और उन्होंने अपने हितों की रखा के लिये न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.


10 जनवरी को दिया था कोर्ट ने आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को जेपी एसोसिएट्स को अपने पहले के आदेशानुसार 125 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा कि निर्देश के पालन में विफल रहने पर उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा और तिहाड़ जेल भेजा सकता है.


जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों के पैसे वापस
यह राशि 2000 करोड़ रुपये का हिस्सा है, जिसे उच्चतम न्यायालय ने जेपी एसोसिएट्स को रजिस्ट्रार के पास जमा करने को कहा था. इस राशि से जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों के पैसे वापस किए जाएंगे. जेपी एसोसिएट्स को 25 जनवरी तक 125 करोड़ रुपये जमा करने थे जो उसने जमा करा दिए हैं.