Jan Aushadhi Kendra से गरीबों और मिडिल क्लास को मिला फायदा, पीएम मोदी ने दी ये बड़ी जानकारी
Jan Aushadhi Kendra: जन औषधि केंद्रों से गरीबों और मध्यम वर्ग को बहुत फायदा पहुंचा है और इनसे 13,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. पीएम मोदी ने इस बारे में जानकारी दी है.
Jan Aushadhi Kendra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि किफायती मूल्य में जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए जन औषधि केंद्रों से गरीबों और मध्यम वर्ग को बहुत फायदा पहुंचा है और इनसे 13,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. प्रधानमंत्री ने जन औषधि दिवस के अवसर पर जन औषधि केंद्र के मालिकों के साथ ही ‘जेनरिक’ दवाइयां उपलब्ध कराने की योजना के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संवाद किया और उनके अनुभव सुने.
गरीबों को किफायती दरों पर मिली दवाइयां
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए किफायती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराने के मकसद से की गई है. संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं, लेकिन साथ ही यह मन की चिंता करते हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत भी पहुंचाते हैं.
देश में 8500 से ज्यादा खुले जन औषधि केंद्र
उन्होंने कहा, ‘‘दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि पता नहीं, कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा....., वह चिंता कम हुई है.’’ मोदी ने कहा कि आज देश में साढ़े आठ हजार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र खुले हैं और ये केंद्र अब केवल सरकारी स्टोर नहीं, बल्कि सामान्य जन के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं.
मार्च से मनाया जाएगा जन-औषधि सप्ताह
इस कार्यक्रम का विषय ‘जन औषधि-जन उपयोगी’ रखा गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री मनसुख भाई मांडविया भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि ‘जेनरिक’ दवाइयों के उपयोग और जन औषधि परियोजना के फायदों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक मार्च से देशभर में जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा है.
800 से ज्यादा दवाइयों की कीमत पर किया कंट्रोल
देश में अभी 8,600 से अधिक जन औषधि स्टोर हैं. इसका उद्देश्य लोगों को वहनीय मूल्य पर दवाइयां उपलब्ध कराना है. मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने कैंसर, टीबी, मधुमेह, हृदयरोग जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 800 से ज्यादा दवाइयों की कीमत को भी नियंत्रित किया है. सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया है कि स्टेंट लगाने और घुटने इंप्लांट की कीमत भी नियंत्रित रहे.’’
5000 करोड़ की हुई बचत
उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं बिकी हैं और इसी साल जन औषधि केंद्रों के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग के करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हई है. उन्होंने कहा, ‘‘अब तक करीब कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत लोगों को हुई है.’’
देश में 22 एम्स हैं मौजूद
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने निजी चिकित्सा कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी चिकित्सा कॉलेजों के बराबर शुल्क करने का फैसला किया है और इसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हए हमारी सरकार स्वास्थ्य ढांचे को निरंतर मजबूत कर रही है. आजादी के इतने दशकों के बाद भी देश में केवल एक एम्स था लेकिन आज देश में 22 एम्स हैं. हमारा लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है.’’
21 करोड़ सेनिटरी नैपकिन की हुई सेल
प्रधानमंत्री ने एक रुपये में सेनिटरी नेपकिन योजना की सफलता का उल्लेख किया और कहा कि 21 करोड़ सेनिटरी नैपकिन की बिक्री दर्शाता है कि जन औषधि केंद्रों ने देश में महिलाओं के जीवन को भी आसान बनाया है.
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