Janmashtami 2024: देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार सोमवार को बेहद धूम धाम से मनाया जा रहा है. देश भर के मंदिरों में सजावट हुई. साथ ही लोगों ने भी अपने घरों के मंदिरों एवं पूजा स्थलों को सुंदर तरीके से सजाया. जन्माष्टमी अपने साथ कारोबारियों के लिए खुशियां लेकर आई है. इस पर्व पर देश भर के बाजारों में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है. शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपदा की अमावस्या के आठवें दिन मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.


कैट ने जारी किया त्योहार पर कारोबार का आंकड़ा 


कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री तथा सांसद प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने बताया कि इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर फूल, फल, मिठाई, भगवान की पोशाक, शृंगार का सामान, व्रत की मिठाइयां, दूध-दही, माखन तथा ड्राई फ्रूट की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई. जन्माष्टमी जैसे त्यौहार देश की इकोनॉमी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इनसे इकोनॉमी को मजबूत करने में मदद मिलती है. 


देशभर में आयोजित किए गए अलग-अलग कार्यक्रम 


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया (BC Bhartia) ने बताया कि देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद उत्साह से मनाया गया. उत्तर एवं पश्चिम भारत में यह त्यौहार खूब उल्लास से मना. मंदिरों में आकर्षक सजावट की गई. लोगों में दर्शन करने का उल्लास अलग नजर आ रहा था. जन्माष्टमी का विशेष आकर्षण डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वॉइंट और अन्य अनेक प्रकार की मनोरम झांकियां रहीं. भजन, धार्मिक नृत्य तथा संतों एवं महात्माओं के प्रवचनों का सिलसिला भी जारी रहा. सामाजिक संगठनों ने भी कई जगह जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया.


नवरात्री और दीपावली से कारोबारियों को बड़ी उम्मीदें 


इससे पहले 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर भी कारोबारियों के चेहरों पर रौनक लौट आई थी. कैट के अनुमान के मुताबिक, रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) पर भी 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ था. एक ही महीने में आए इन दो त्योहारों ने बाजार की रंगत ही बदल कर रख दी है. अब अक्टूबर में नवरात्री (Navratri 2024) और दीपावली (Deepawali 2024) से कारोबारियों को बहुत उम्मीदें हैं.


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