Japan Nomad Visa: भारत का पड़ोसी देश जापान एक नए प्रकार का वीजा लेकर आ रहा है जिससे 49 देशों के खानाबदोश या माइग्रेंट्स भी यहां 1 करोड़ येन तक कमा सकेंगे. जापान ने इसे डिजिटल नोमैड वीजा का नाम दिया है. इसके अंतर्गत 49 देशों के घुमंतु या खानाबदोशों लोग जापान में लोग कानूनी रूपल से छह महीने रह सकते हैं. ये लोग कहीं से भी रिमोर्ट वर्क करके साल भर में 10 मिलियन या 1 करोड़ जापानी येन (68,300 डॉलर) सालाना कमा सकते हैं. हालांकि भारत-जापान की दोस्ती का दम भरने वाले इस देश के डिजिटल नोमैड वीजा की लिस्ट में भारत का नाम नहीं है. ये एक चौंकाने वाली बात है. 


किन 49 देशों को रखा गया है इस लिस्ट में 


एलिजिबल देशों की लिस्ट में सभी यूरोपीय संघ के देश, आर्मेनिया, बेलारूस, जॉर्जिया, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, मोल्दोवा, मोनाको, उत्तरी मैसेडोनिया, नॉर्वे, सर्बिया, स्विट्जरलैंड, तुर्की और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं. हालांकि बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक भारत का नाम इस लिस्ट में नहीं है.


कब से शुरू होगी डिजिटल नोमैड वीजा सर्विस


ये वर्क वीजा मार्च 2024 के आखिर से उपलब्ध होने लगेगा और इसके तहत 49 देशों के नागरिक जापान में कहीं भी छह महीने रहकर रिमोर्ट वर्क करके पैसा कमा सकेंगे. यह वीज़ा उन लोगों के लिए है जिनकी सालानाा इनकम 10 मिलियन येन (68,300 डॉलर) या उससे ज्यादा है.


जापान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल खानाबदोश वो लोग होते हैं जो दूर से काम करता है लेकिन केवल शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म के लिए एक ही जगह पर रहता है. ये लोग 'विशिष्ट गतिविधियों' वीज़ा कैटेगरी के लिए एलिजिबल होंगे. यह सेल्फ एंप्लॉएड आवेदकों पर भी लागू होता है.


भारत इस लिस्ट से क्यों बाहर


फिलहाल भारत इस लिस्ट से बाहर है और जो 49 देश एलिजिबल हैं, उन्होंने जापान के साथ एक टैक्स संधि (टैक्स ट्रीटी) पर साइन किए हैं या जापान का दौरा करते समय उन्हें वीजा-फ्री किया गया है. भारत इस क्राइटेरिया को पूरा नहीं करते और संभवतः यही वजह है कि इस लिस्ट में भारतीय नहीं हैं.


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