Railway Board CEO: कौन हैं जया वर्मा सिन्हा? 166 साल के इतिहास में बनी भारतीय रेलवे की पहली महिला चेयरमैन
Railway Board CEO: जया वर्मा सिन्हा को रेलवे की पहली महिला चेयरमैन और सीईओ के लिए चुना गया है. यह आज से अपना कार्यभार संभालेंगी.
Indian Railway Board CEO: पहली बार रेलवे की ओर से किसी महिला को अध्यक्ष और सीईओ के पद पर नियुक्त किया गया है. 166 साल के इतिहास में जया वर्मा सिन्हा रेलवे के इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं. गुरुवार को इनके नाम की घोषणा की गई थी और आज यानी 1 सितंबर 2023 को जया वर्मा अपना पदभार ग्रहण करेंगी.
जया वर्मा ने रेलवे बोर्ड में एक सदस्य के तौर पर काम कर रही थीं. रेलवे बोर्ड में इनकी जिम्मेदारी संचालन और व्यवसाय विकास के रूप में थी. भारतीय रेलवे में जया वर्मा ने अपना 35 साल का समय दिया है. इसके बाद अब इन्हे रेलवे के अध्यक्ष और सीईओ का पद दिया गया है.
कौन हैं जया वर्मा
जया वर्मा की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई है. वह मूल रूप से भारतीय रेलवे यातायात सेवा 1988 बैच की भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा से जुड़ी हैं. सिन्हा रेलवे बोर्ड की मौजूदा प्रमुख अनिल कुमार लोहाटी का स्थान लेंगी. रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य विजयलक्ष्मी विश्वनाथन थीं, लेकिन जया वर्मा पहली बोर्ड महिला अध्यक्ष और सीईओ बनाई गई हैं.
कहां की रहने वाली है जया वर्मा
जया वर्मा सिन्हा का प्रयागराज में ही उनका जन्म हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई प्रयागराज से ही हुई है. उनके पिता वीबी वर्मा सीएजी ऑफिस में क्लास वन अफसर थे. जया वर्मा के बड़े भाई जयदीप वर्मा यूपी रोडवेज में क्लास वन अफसर रहे. रिटायरमेंट के बाद ये लखनऊ में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इनका पैतृक निवास अल्लापुर स्थित बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम में है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की पढ़ाई
सेंट मेरी कान्वेंट इंटर कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद जया वर्मा सिन्हा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी (पीसीएम) की. इसके बाद उन्होंने मनोविज्ञान से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
नौकरी की शुरुआत
जया वर्मा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 1988 में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) ज्वाइन किया. वर्मा ट्रेनिंग के बाद 1990 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) चुनी गईं. कहा जाता है कि इनके कार्यकाल के दौरान कोई कर्मचारी आंदोलन नहीं हुए, क्योंकि ये सभी की समस्या सुनती थीं और समाधान करती थीं.
रेलवे के पास अपार बजट!
भारतीय रेलवे को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक के रेलवे के बजट का सबसे ज्यादा बजट आवंटित हुआ है. रेलवे को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला है. ऐसे में जया वर्मा रेलवे बोर्ड का कार्यभार संभालेंगी.
बालासोर ट्रेन हादसे पर काफी रहीं एक्टिव
जया वर्मा ओडिशा के बालासोर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में काफी एक्टिव रही हैं. उन्होंने पूर घटनाक्रम के दौरान अपनी खास नजर रखी थी. इसके अलावा पीएमओ में भी इस घटना को एक्सप्लेन करने और व्यवस्था को लेकर प्रजेंटेशन दिया था. इनके काम की खूब तारीफ हुई थी और अब सरकार ने इनकी नियुक्ति पर मोहर लगा दी है.
चार साल तक रेलवे एडवाइजर के तौर पर किया काम
जया वर्मा सिन्हा ने चार साल तक बांग्लादेश के ढाका में रेलवे एडवाइजर के तौर पर काम किया और इन्ही के कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस का संचालन किया गया था.
1988 बैच के रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी
जया वर्मा सिन्हा 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी हैं. मौजूदा समय में ये रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में काम कर रही हैं और अब रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष और सीईओ चुना गया है. यह 1 सितंबर से कार्यभार संभाल रही हैं. हालांकि ये इस साल एक अक्टूबर को रिटायर होने वाली थी, लेकिन अब इन्हें उसी दिन फिर से अपॉइंट किया जाएगा. जया वर्मा सिन्हा का कार्यकाल 31 अगस्त 2024 को समाप्त होगा.
कितनी मिलेगी सैलरी?
भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की सैलरी मौजूदा समय में करीब 2.25 लाख रुपये प्रति माह है. इसके अलावा, भत्ता, हाउस और अन्य लाभ दिया जाता है. रेलवे बोर्ड अध्यक्ष का काम रेलवे सर्विस का निर्देशन, विकास और अन्य आवश्यक फैसले लेना है.
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