Jaiprakash Associates: कर्ज संकट में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates) को सोमवार को तगड़ा झटका लगा है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है. ट्रिब्यूनल ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की याचिका पर यह फैसला लिया है. 


कर्ज घटाने के लिए बेचे थे सीमेंट प्लांट 


जेपी ग्रुप (Jaypee Group) की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स कंस्ट्रक्शन, सीमेंट और हॉस्पिटेलिटी बिजनेस में काम करती है. कंपनी ने अपने कर्ज का बोझ कम करने के लिए पिछले कुछ सालों में अपने कई सीमेंट प्लांट बेचे हैं. एनसीएलटी की दो सदस्यीय इलाहाबाद पीठ ने सोमवार दोपहर को दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश सुनाया. इस पीठ में प्रवीण गुप्ता और आशीष वर्मा शामिल थे. मामले से जुड़े वकीलों के अनुसार, NCLT ने एक रेजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त करने के साथ ही जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.


जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विलय को भी ठुकराया 


इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड (Jaypee Infrastructure) के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के विलय को भी खारिज कर दिया. सितंबर, 2018 में आईसीआईसीआई बैंक ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी. इसके अलावा देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने भी 15 सितंबर, 2022 तक 6,893.15 करोड़ रुपये के कुल भुगतान चूक का दावा करते हुए जेएएल के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था.


जयप्रकाश एसोसिएट्स का कर्ज 29,805 करोड़ रुपये


जेपी ग्रुप की कई कंपनियां इस समय एनसीएलटी के समक्ष दिवालिया कार्यवाही का सामना कर रही हैं. इनमें सीमेंट कॉरपोरेशन और जेपी इंफ्राटेक भी शामिल हैं. ट्रिब्यूनल ने इससे पहले मुंबई के सुरक्षा ग्रुप को नोएडा स्थित जेपी ग्रुप के 9 प्रोजेक्ट को खरीदने की मंजूरी दे दी थी. जयप्रकाश एसोसिएट्स ने पिछले महीने कहा था कि उसने 30 अप्रैल को 1,751 करोड़ रुपये की मूल कर्ज राशि और 2,865 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में चूक की थी. जेएएल का कुल कर्ज (ब्याज सहित) 29,805 करोड़ रुपये है, जिसे 2037 तक चुकाया जाना है.


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