जेपी बिल्डर दिवालिया होने की कगार परः NCLT ने दिया 9 महीने का समय, 32 हजार फ्लैट फंसे
एनसीएलटी ने साफ कहा है कि अगर 270 दिनों यानी 9 महीने में जेपी के हालात नहीं बदले तो जेपी इंफ्राटेक की संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी और इसे अधिकारिक तौर पर दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा.
नई दिल्लीः जेपी बिल्डर्स के घर खरीदने वालों के लिए बड़ी मुश्किल की खबर है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्राटेक या जेपी बिल्डर्स को दिवालिया घोषित होने की कगार पर कंपनियों की लिस्ट में डाल दिया है. नोएडा के जेपी बिल्डर के हालात 9 महीने में हालात नहीं बदले तो इसकी संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी. आईडीबीआई बैंक की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी ने जेपी ग्रुप की बड़ी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्यवाही शुरु करने का निर्देश दिया है.
31 मार्च 2017 तक जेपी इंफ्राटेक पर 8,365 करोड़ रुपये का कर्ज है और ये लंबे समय से कर्ज चुकाने में असफल साबित हो रही है. ग्रेटर नोएडा और नोएडा में जिन्होंनें जेपी बिल्डर से घर खरीदा है ये खबर उनको बड़ा झटका देगी. बताया जा रहा है कि इससे 32 हजार फ्लैट फंस गए हैं.
जानें पूरा मामला कल बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच ने आईडीबीआई बैंक की याचिका को स्वीकार कर लिया. इसी के आधार पर जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी के तौर पर वर्गीकृत कर दिया गया है. इसी आदेश के साथ कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया है. अब कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल एक अधिकारी नियुक्त करेगा जो 270 दिनों में जेपी की फाइनेंशियल स्थिति की जांच करेगा. एनसीएलटी ने साफ कहा है कि अगर 270 दिनों यानी 9 महीने में जेपी के हालात नहीं बदले तो जेपी इंफ्राटेक की संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी और इसे अधिकारिक तौर पर दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा. ये अधिकारी किन्हीं 7 अकाउंटिंग फर्मों से चुना जाएगा.
नोएडा का जेपी बिल्डर दिवालिया घोषित होगा , 32 हजार फ्लैट पर संकट
जानिए फैसले की बड़ी बातें- आईडीबीआई ग्रुप ने मांग की थी कि जेपी ग्रुप की जेपी इंफ्रा को दिवालिया घोषित किया जाए. पहले इस पर जेपी इंफ्राटेक ने आपत्ति जताई थी पर बाद में कंपनी ने ये आपत्ति वापस ले ली. इसके बाद ही कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्रा को दिवालिया घोषित करने की याचिका मान ली है.
- जेपी इंफ्रा ने उसके 536 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट लोन को चुकाने पर साफ जवाब नहीं दिया लिहाजा इन 9 महीनों में अगर कंपनी की माली हालत नहीं सुधरी तो उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा.
- सबसे ज्यादा उन लोगों के लिए बुरी खबर है जिन्होंनें जेपी इंफ्रा की प्रॉपर्टी में निवेश किया हुआ है. जेपी इंफ्रा के फ्लैट के पजेशन में पहले ही 2 से 4 साल की देरी हो चुकी है और देश की अलग-अलग अदालतों में इसको लेकर घर खरीदारों ने केस दर्ज किए हुए हैं. अभी इन फ्लैट खरीदारों का क्या होगा इस पर स्थिति साफ नहीं है. एनसीआर में गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे के घर खरीदारों के सामने संकट की स्थिति खड़ी हो गई है.
जेपी इंफ्राटेक जेपी इंफ्राटेक जो जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुख्य बड़ी कंपनियों में से एक है. जयप्रकाश एसोसिएट्स का इस कंपनी में 71.64 फीसदी का हिस्सा है. गौरतलब है कि आरबीआई ने जिन 12 कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के तहत इंसॉल्वेंसी कोड में डाला है उनमें भी जेपी इंफ्राटेक का नाम शामिल है. जयप्रकाश एसोसिएट्स के मालिक मनोज गौड़ हैं.
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