जेपी इंफ्राटेक पर लटकी दिवालिया होने की तलवारः फंसे घर खरीदारों का गुस्सा फूटा, की तोड़फोड़
प्रदर्शन कर रहे खरीददारों का कहना है कि यदि उन्हें उनका पैसा या फ्लैट नहीं मिला तो वे आमरण अनशन करेंगे. खरीददार अजय कौल ने बताया कि जेपी बिल्डर को अब तक खरीददारों ने विभिन्न प्रोजेक्टों के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि बैंकों के पैसे से पहले खरीददारों के पैसे वापस करवाये जाएं.
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View In Appनोएडा के नगर एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जेपी बिल्डर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे उग्र प्रदर्शनकारियों व बिल्डर के बीच बातचीत कराने का प्रयास किया गया लेकिन आपसी नोकझोंक के चलते कोई बात नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि मौके पर पांच थानों की पुलिस तैनात की गई है. इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.
इसके बाद 32 हजार खरीदारों को चिंता सताने लगी कि उनके फ्लैट और प्लॉट उन्हें कैसे मिलेंगे. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी बिल्डर के कई बड़े प्रोजेक्ट हैं जो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं.
जेपी इंफ्राटेक के घर खरीदारों के लिए आज का दिन फिर भारी रहा. जहां 2 दिन पहले ही जेपी के घर खरीदारों के लिए बुरी खबर आई थी कि जेपी इंफ्रा को दिवालियापन के कगार पर पहुंची कंपनियों की लिस्ट में डाल दिया गया है. इससे एनसीआर में 62 हजार घर खरीदारों के लिए मुश्किल की घड़ी आ गई थी. घबराये हजारों खरीददारों ने आज जेपी ग्रुप के सेक्टर-128 स्थित दफ्तर पर विरोध प्रदर्शन किया. जब जेपी के सुरक्षाकर्मी ने खरीददारों को अंदर घुसने से रोका तो वे भड़क उठे और बैरीकेड और गेट तोड़कर अंदर घुस गये.
हालांकि जेपी ग्रुप की मुखिया भी इस मामले में सफाई देने आए थे पर लोगोॆ के गुस्से को देखते हुए मीडिया के सामने ज्यादा रुके नहीं.
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. लोग लगातार जेपी बिल्डर के खिलाफ नारे लगा रहे थे. इस प्रदर्शन के चलते काफी देर तक यातायात भी प्रभावित रहा. मौके पर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था. कुछ खरीददार ऐसे भी हैं जो जेपी बिल्डर के यहां कई फ्लैट बुक कराये हुए हैं. कुछ लोगों ने बिल्डर के यहां अपनी काली कमाई का निवेश भी किया है. उनकी हालत और भी दयनीय है. वे न तो बिल्डर का खुलकर विरोध कर रहे हैं और न ही उसके पक्ष में खड़े हो पा रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि लोगों ने हजारों करोड़ से ज्यादा की काली कमाई का निवेश किया है.
कई खरीदारों ने मीडिया को बताया कि वो लोग बैंकों से लोन लेकर बिल्डर को अब तक 95 फीसदी से ज्यादा का पेमेंट कर चुके हैं. एक तरफ बैंक का लोन है दूसरी तरफ हमें अभी तक फ्लैट नहीं मिले हैं जिससे सभी खरीददार डरे हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में जेपी बिल्डर की तरफ से कोई भी अधिकारी उनसे बात नहीं कर रहा है और न ही प्राधिकरण और जिला प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान कर रहा है.
प्रदर्शन कर रहे खरीददारों का कहना है कि यदि उन्हें उनका पैसा या फ्लैट नहीं मिला तो वे आमरण अनशन करेंगे. खरीददार अजय कौल ने बताया कि जेपी बिल्डर को अब तक खरीददारों ने विभिन्न प्रोजेक्टों के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि बैंकों के पैसे से पहले खरीददारों के पैसे वापस करवाये जाएं.
खरीददारों का आरोप है कि जेपी पर बैंकों का आठ हजार 365 करोड़ रूपया बकाया है. जबकि खरीददार जेपी ग्रुप को अब तक 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दे चुके हैं. उनकी मांग है कि बैंकों का पैसा चुकाने से पहले उनकी गाढ़ी कमाई उन्हें वापस करवायी जाये. बायर्स ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ भी नाराजगी जताई और मांग की कि सांसद, मंत्री और विधायक इस मामले में हस्तक्षेप करें.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया की सूची में डालने के बाद से ही इसके प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाए बैठे हजारों घर खरीदारों के लिए खतरे की घंटी बज गई. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने आईडीबीआई बैंक की याचिका पर पिछले दिनों जेपी बिल्डर को दिवालिया कंपनी की सूची में डाल दिया था.
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