नई दिल्लीः ब्रोकरेज फर्म जेफ्रीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्याज दरों में हाल ही में की गई कटौती से बैंकों का मार्जिन प्रभावित नहीं होगा बल्कि वह उनके फंसे कर्ज यानी एनपीए के दर्द को घटाने में मददगार साबित हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दरों में कटौती से वे कंपनिया भी अपना कर्ज चुका सकती हैं जो कि फिलहाल इसके लिए संघर्ष कर रही हैं.


जेफ्रीज ने एक नोट में कहा है, ‘हमें नहीं लगता कि एमसीएलआर में .30 से .90 फीसदी कटौती से बैंकों का मार्जिन घटेगा. हमें नहीं लगता कि एक या दो तिमाहियों के छोटे समय के लिए इन कटौतियों से शुद्ध ब्याज मार्जिन में कमी आएगी. अगर आई भी तो यह बहुत कम होगी.’ अपने नोट में फर्म ने बेस रेट और एमसीएलआर में बुनियादी अंतर को रेखांकित किया है.